कौन किस ‘पंथ’ का ? ? प्रश्न बड़ा गूढ़ है, मंज़िल मगर एक है क्यों लड़ रहे ये मूढ़ है ? ? कौन किस ‘वाद’ का ? ? अलग भले विचार हैं, देश की अखण्डता पर क्यों कर रहे प्रहार हैं ? ? विधर्मी-धर्मी,जात-पात कर रहे सब,व्यर्थ बात, राजनीतिक क्षुद्रता […]
तेरा बेवफ़ाई पर मेरा इंतकाम तो कुछ भी नहीं, तेरा दिल भी निकाल लूँ तो मेरा दर्द कम न होगा, जो रोज मेरी आँखों से बिना रोके-टोके निकलता, शोर ज़रा भी नहीं करता। पर धड़कनों की गति में अवरोध पैदा करता, तो कभी रक्त के संचार में रूकावटें डालता है, […]
प्रकाश भर दे,तिमिर हर ले, ज्योतिर्मय कर दे जगत को। अज्ञानता तू हर ले जगत से, ज्ञानमय कर दे इस जगत को। पशुत्व भाव दूर कर दे जन के, जन-जन में सत्यभाव भर दे। अब आ जगत में देर मत कर, निजसत्य को अब सिद्ध कर दे। राक्षस हैं फिरते […]
(विश्व हिंदी दिवस विशेष) शायद कुछ लोग मेरे विचारों से सहमत न हों,मुझसे रुष्ट हो जाएं,भला-बुरा कहें। हो सकता है कि वे ही सही हों,पर मैं तो अपने मन की ही कह सकता हूँ। जो देखता आया हूँ,जो देख रहा हूँ,वही कह सकता हूँ। जैसे-जैसे देश में हिंदी के […]
इस मंच के माध्यम से मैं हिन्दी संबंधी अपनी चिन्ताओं से सभी को अवगत कराना चाहता हूँ। हिन्दी की सबसे बड़ी समस्या उसके प्रति ममत्व अथवा अपनत्व की है।लखनऊ के अखबार में एक ९२ वर्षीया वृद्धा की खबर थी, जो जानकीपुरम(लखनऊ) के वृद्धाश्रम में मरणासन्न अवस्था में पड़ी हैं। उनके […]
हजार खामियां हैं,पर एक विशेषता रखता हूँ। खुदगर्जी से दूर इंसानियत से वास्ता रखता हूँll जिंदगी की किताब में मौका-परस्ती का पन्ना नहीं रखता। जो पथ विघ्नमान हो, मैं वो सपना नहीं रखता ll जो ले जाता दिलों तक,वही रास्ता रखता हूँ। खुदगर्जी से दूर इंसानियत से वास्ता रखता हूँll […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।