हाथों में तिरंगा ले के चलते हैं जवान, जान हथेली पर ले लड़ते हैं जवानl धड़कते सीने में दहकते अंगार लिए, भारत की रक्षा में खुद को झोंकते हैं जवानl माथे पर कफ़न बांध कर चलते हैं, आ जाए दुश्मन सामने,तो भून देते हैं जवानl सलाम करती दुनिया इन हौंसलों […]

प्यार का है बोलबाला हर गली में, आशिकी कब इस जमाने में छिपी है। नाचती है मौत चौराहे…नगर में, बीच हर बाजार दुर्घटना…घटी है। इश्क आशिक को लगा करता सभी कुछ, प्यार में पड़ के नजर किसकी हटी है। जब मुसीबत में समझ आए न रस्ता, मौत उसको तो लगे […]

नागदा। इंदौर शहर की लेखिका सुषमा दुबे को नागदा में भव्य कार्यक्रम में ‘राष्ट्रीय अभिव्यक्ति गौरव सम्मान’ से अलंकृत किया गया। ये सम्मान लेखन और अभिनय हेतु संयुक्त रूप से दिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री  थावरचंद गेहलोत थे। कार्यक्रम आयोजक सुरेन्द्र मीना ने […]

राजपथों ने दिया भरोसा तोड़ दिया है, पगडंडी लाचार करे भी तो आखिर क्या। ऊजड़ होते गाँव सूखते खलिहानों में, जीवन की उम्मीद ढूँढती बूढ़ी नज़रें कभी मना करती थी उनके गाँवों में जो, दीवाली वो ईद ढूँढती बूढ़ी नज़रें पास नहीं बुधिया चाचा के रुपया-पैसा, ऊपर से बीमार,करे भी […]

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पंचतत्व ही है, हर जीव का जीवन का आधार अस्तित्व है। पंच तत्वों से ही जीवन का निर्माण, सभी का होता है। जीवन का अन्त भी पंच तत्वों में होता है। बच्चे जब पैदा होते हैं, घर-परिवार में सभी को, खुशियाँ देकर हंसाते हैं। पंच तत्वों को पाकर, हंसी-खुशी जीते […]

थोड़ा-सा वक्त दे दे मेरे मेहरबाँ मुझे, रोकर विदा करुं या हंसकर विदा तुझे॥ जाने क्या बात थी कि तस्वीर में तेरी, पलकों की पालकी से देखा किए तुझे। पत्ते गिरे हैं जब भी कहीं शाखों से टूटकर, दिल तो मेरा भी रोया है याद कर तुझे॥ दर से विदा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।