तुझसे ता-उम्र ही मेरी दूरी रही, जिंदगी की कहानी अधूरी रही। जाने क्यों फासले अपने कम न हुए, मेरी कोशिश तो हर वक्त पूरी रही। फर्क इतना रहा तुझमें मुझमें सनम, तू विकल थी औ मुझमें सबूरी रही। मैं तो झुक भी गया देख माहौल पर, तेरी जिद तेरी खातिर […]

जो ज़िन्दा था ज़माने में,उसी को मार आए हो, बहुत नादान लगते हो,सभी कुछ हार आए हो। ग़रीबों पर दया करते,बुज़ुर्गों की दवा करते, ख़ुदा को भूलकर मस्जिद में अब बेक़ार आए हो। ज़रा-सा शायरी करना सुख़नवर से नहीं सीखा, अभी से शोहरतें पाने भरे दरबार आए हो। जिसे यारों […]

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सोते रहे हमेशा है कमान जिनके हाथों हालात सरहदों के न हमें सोने देते, बांधा है बेड़ियों ने मजबूर हम पड़े हैं मिलती जो इजाजत साथी न खोने देते। आखिर क्यों खड़े हम यूं ही बंदिशों में मारने को उनको हो अधिकार में हमारे, उठते रहे जनाजे वीरों के टोलियों […]

सत्य का सम्बल तुम्हारे पास है, झूठ का आलम्ब लेना छोड़ दो। नित नए आयाम बस आपके होंगे, भय भी सामने तब कांपते होंगे। है प्रतिभा जो आपमें फिर झुकना क्या, तरक्की जिंदगी में तब झांकते होंगे॥ दुनिया में झूठों का भ्रम तोड़ दो, झूठ का आलम्ब लेना छोड़ दो। […]

गिरकर उठने में माना,थोड़ा वक्त लगता है, टूटे दिल को संभलने में,थोड़ा वक्त लगता है। शक न करना कभी,मेरे मजबूत इरादों पर, आँधियों में दीप जलाएं,थोड़ा वक्त लगता है। यह तो सच है फैली है देश में,आतंक की बेल, आतंकियों को मिटाने में,थोड़ा वक्त लगता है। बोए हैं बीज कुछ […]

(स्वामी विवेकानंद जयंती विशेष) युगपुरुष,वेदांत दर्शन के पुरोधा, मातृभूमि के उपासक,विरले कर्मयोगी, दरिद्र नारायण मानव सेवक,तूफानी हिन्दू साधु,करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत व प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद का जन्म १२ जनवरी १८६३ को कलकत्ता आधुनिक नाम कोलकता में पिता विश्वनाथ दत्त और माता भुवनेश्वरी देवी के घर हुआ था। दरअसल यह वो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।