कली कोई जब भी कभी मुस्कुराई, हवाओं के झोंकों से वो कसमसाई। जो मैय्यत को मेरी निकाला सजा के, बड़ी बे-दिली से आग उसमें लगाई। ख़ुदा जाने किस दर्द ने है सताया, कि आँखों में जो ख़ूँ की बूँद आई। जो मुझसे ख़फ़ा थे सभी पास आए, मेरी मौत उनको […]

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कच्ची उम्र में करें न शादी,   केवल बोझ सदा बर्बादी। कम उम्र में ब्याह रचाना,     समझो सूली पर है चढ़ाना। लेना-देना नहीं दहेज,     इससे सदा करें परहेज। ले दहेज और ऐश दिखाए,     हो जुर्माना जेल भी जाए। बहू को बेटी-सा अपनाएं,     […]

निर्भीक और निडरता,जिनकी थी पहचान, उनकी बुद्धि विवेक से,अंग्रेज थे हैरान। आज़ादी में आज़ाद का,था बड़ा योगदान, आज़ादी की जंग के,योद्धा थे महान। आज़ादी की ज्योति को,दिया जिसने जगाय, जागी घर-घर में अलख,बढ़ा मन में उत्साह। डरा नहीं अंग्रेजों से,नहीं झुकाया शीश, आंखें मिलाए मौत से,खून दिया है सींच। अंगद-सा […]

  आसमाँ से जो उतर आई धरा पर, सूर्य की पहली किरण का तेज हो तुम। बादलों की गोद से जो बून्द सागर में गिरी, सीप से निकला हुआ मोती हो तुम॥ और जब बहारें झूम के आई चमन में, गुल भी हो कांटा भी हो,शबनम भी तुम। विश्व के […]

पिता,बेटे के होंठों पर मुस्कान करते हैं, मुश्किलें सारी आसान करते हैं। पिता होते है भगवान स्वरूप, जिसपे हम अभिमान करते हैं। मौजूदगी से महकता है घर-आंगन, पिता का हम गुणगान करते हैं। पिता की मेहनत से बनते हैं हम काबिल, पिता के दम से ही हम नाम करते हैं। […]

तुम पतंग मैं धागा, भाग्यवान तुम मैं अभागा, कर्तव्य निभाया दृढ़ता से तुमने, मैं भागा तुम पतंग, मैं धागा। अपनी निष्ठा शिष्टाचार से, अपने सुलझे विचार से, अपनों के सहे वार से, अपने सुंदर परिवार से भूखा न जाने दिया द्वार से, इन्हीं सद्कर्मों की वजह से आपको काट,कोई धागे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।