मौसम भी रूख बदलेगा,वो सर्द जनवरी आएगी, बहकी हवा पत्तों से मिलकर जब कोई साज़ सुनाएगी। कोहरे में खिली उस धूप में जब सरसों फिर लहराएगी, भूले से उस शोख़ को फिर याद हमारी आएगी। उठेगी दिल में कसक लब पे ये सवाल आएगा, लाख भुला दो दिल से पर […]
न खेती है,न बाड़ी है,न घर है। फिर भी देखो कितना महंगा वर है॥ मन में उमंग नहीं,जीने का ढंग नहीं। जीवन के सागर में एक भी तरंग नहीं॥ सभ्यता-संस्कार नहीं,सोच में निखार नहीं। आपस में प्यार नहीं,शिक्षित परिवार नहीं॥ काला अक्षर भैंस बराबर है। फिर भी देखो कितना महंगा […]
हो गए इतने मशगूल कि फूल गए हो तुम, अंधे माँ-बाप का दर्द भूल गए हो तुम। पत्नी से पूछते हो-शाम को कहाँ चलना है, माँ-बाप के दो समय के खाने का वक्त भूल गए हो तुम…। हो गए इतने मशगूल…॥ बांध आए जिन्हें तुम वृद्धाश्रम के खूंटे से, एक […]
शिव-शिव कह उठ हर सुबह, सुमिर शिवा सो रात। हर बिगड़ी को ले बना, कर न बात बेबात। समय-शिला पर दे बना, कोशिश के नव चित्र। समय-रेत से ले बना, नया घरौंदा मित्र। मिला आँख से आँख तू, समय सुनेगा बात। हर बिगड़ी को ले बना, कर न बात बेबात। […]
मकर सक्रांति का यह त्यौहार, लोहड़ी पोंगल उत्सव घर-द्वार। सूरज देव उत्तरायण को तैयार, सब मिल करते सूर्य नमस्कार॥ भास्कर देवता जग के आधार, सुख-समृद्धि की करते बौछार। खेतों में पीली सरसों की बहार, खुशियाँ मिलती सबको अपार॥ दान पुण्य स्नान का है त्योहार, दानी करते गरीबों पर उपकार। […]
एक पक्ष भाव से,लिखा नहीं सु ग्रंथ को, धर्म-कर्म से अभी,रखा नया सुपंथ को। सस्य श्यामला बने,धरा प्रकीर्ति गुंज से, पाप ताप है मिटे विराट अग्निकुञ्ज से॥ देश काल मान का,समृद्ध सार अंक है, हार-जीत जो हुआ,समस्त तार अंक है। नित्य गंध व्याप्त हो,सनेह पुष्प कुंज से, शुद्धता बने रखे,विराट […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।