अपना देश महान,
आओ मिलकर भारत की महानताएं बतलाएं।
उत्तर में शान से खड़ा हिमालय,
दक्षिण में हिन्द महासागर है
पश्चिम में कच्छ का मैदान,
पूर्व में वर्षा वन सुशोभित है।
यहीं गंगा-यमुना-नर्मदा शान से बहती है॥
आओ मिलकर भारत…।
यहीं राम कृष्ण की जन्मभूमि,
यहीं कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया
यही गौतम बुद्ध ने शांति का संदेश दिया,
यहीं वीर शिवाजी राणा ने जन्म लिया।
यहीं अनेक महान पुरूषों ने जन्म लिया॥ आओ मिलकर…।
आज भारत का परचम अंतरिक्ष में,
शान से लहरा रहा है
आज भारत चाँद-मंगल पर स्थापित है,
कोई देश एक बार में न कर पाया
वो भारत ने प्रथम बार में कर दिखलाया॥
आओ मिलकर…।
भारत वर्ष ने इस दुनिया को,
आयुर्वेद चरक योग का ज्ञान कराया
यही सुश्रुत ने शल्य चिकित्सा का ज्ञान कराया,
यहीं कणाद ने कण-अणु-परमाणु का बोध कराया।
यहीं आर्य भट्ट ने इस दुनिया को शून्य दिया॥
आओ मिलकर भारत…।
मुझे कहते हुए हर्ष होता है,
भारत विश्व की घनघोर समस्या
आतंकवाद का दमदारी से कर रहा मुकाबला,
आज मेरा भारत विश्व में शान से खड़ा है।
आओ मिलकर भारत की महानताएं बतलाएं॥
#अक्षय दुबे
परिचय : अक्षय दुबे की जन्मतिथि-५ सितम्बर १९९९ और जन्म स्थान-भिंड है। वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर में निवासरत हैं। फिलहाल बारहवीं में अध्ययनरत अक्षय दुबे बतौर विद्यार्थी सामाजिक क्षेत्र में रक्तदान को प्रोत्साहन देने के लिए सक्रियता से कार्य करते हैं। आपको-कविता और लेख रचने का शौक है। क्षेत्रीय पत्र-पत्रिकाओं में इनकी कुछ रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-हिन्दी का मान बनाए रखना है।