ऐसे न देखो ऐ सनम…

0 0
Read Time1 Minute, 5 Second
pradeep kumar epk
ऐसे  ना  देखो  ऐ   सनम,
हम  दिवाने   हो   रहे   हैं।
पलकें  जरा  झपका  लो,
हम    इनमें   खो   रहे  हैं।
ऐसे ना देखो…॥
जब  से  दिखे  हो सनम,
टूटे  हैं  हमारे  सब भरम।
सच कहूं तुम्हारी  कसम,
हम   मस्ताने  हो  रहे  हैं।
ऐसे ना देखो…॥
ऐसे  हुआ  हुश्न-ऐ-असर,
तुमको  कहा जाने जिगर।
तुम बनो  अब  हमसफर,
सब  अनजाने हो  रहे  हैं।
ऐसे ना देखो…॥
कुछ तो कहो मेरी ग़ज़ल,
ऐसे ना बनो  तुम  हजल।
यहां सब तराने हो रहे हैं,
अपने फसाने हो रहे हैं।
ऐसे ना देखो…॥
ऐसे  ना  देखो  ऐ  सनम,
हम  दिवाने  हो  रहे   हैं॥
            #इं. प्रदीप कुमार
परिचय : इं.पी.के. हाथरसी सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के खन्दारी गढ़ी( हाथरस) में रहते हैं। आपका मूल नाम इं. प्रदीप कुमार और उपनाम इं.पी.के. हाथरसी है। शिक्षा-बी.टेक करके पेशे से इंजीनियर ही हैं। रुचि गीत,कविता और लेख के लेखन में है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आशाओं के पंख

Thu Jan 25 , 2018
७० साल की वृद्व माताजी,अब पैरों से कम ही चल पाती,इसलिए बेटा माताजी के लिए इस तनख्वाह पर व्हील चेयर( पहिया कुर्सी) ले आया। मां की खुशी का भी ठिकाना ना रहा। अब वह पूरे घर में कुर्सी पर बैठकर घूम सकेगी,आंगन में उड़ती चिड़िया और गुनगुनी धूप का आनन्द […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।