आतंक

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nilam
वसुन्धरा के आँगन में
आतंक नहीं पलने देंगे,
मानवता की क्यारी में
यूं खर-पतवार नहीं उगने देंगे।
जब भी इस मातृभूमि पर
दुश्मन ने आँख उठाई है,
माँ के वीर सपूतों ने
अपनी तलवार उठाई है।
ममता के आँचल को अब
नीलाम नहीं होने देंगे,
मानवता की क्यारी में
खर-पतवार नहीं उगने देंगे।
                                                                     #नीलम सिंह
परिचय : नीलम सिंह की जन्मतिथि-८ फरवरी है। अध्ययन,लेखन,भ्रमण     और संगीत श्रवण में आपकी रुचि है। लेखन विधा में लधुकथा,गीत,ग़ज़ल, मुक्तक तथा कविता आदि में सक्रिय हैं। आपके लेखन कार्य को कई दैनिक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं ने भी लगातार स्थान दिया है। श्रीमती नीलमसिंह तोमर को सम्मान के रुप में महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान २०१७ सहित शुभतारिका द्वारा श्रेष्ठलघुकथा पुरस्कार दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर स्थित तीन खम्बा गली में आपका निवास है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।