प्रीत का ये इशारा हुआ।
आज मेरा गुजारा हुआ।।
आप बैठो सदा पास में।
दूर कोई सितारा हुआ।।
राह दिखती नही हैं हमें।
आँख का नम नजारा हुआ।।
वक्त की मार जिस पर पड़े।
आज मौसम गवारा हुआ।।
चाह उसकी नज़र का अभी।
प्यार भाये पुकारा हुआ।।
रोम में जो बसी रात दिन।
नेक भारत किनारा हुआ।।
#नीतेन्द्र सिंह परमार ‘भारत’
परिचय : नीतेन्द्र सिंह परमार का उपनाम-भारत है। डी.सी.ए. के बाद वर्तमान में बी.एस-सी.(नर्सिंग) के तृतीय वर्ष की प़ढ़ाई जारी है। आपका जन्म १५ जुलाई १९९५ को बरेठी(जिला छतरपुर, मध्यप्रदेश) में हुआ है। वर्तमान निवास कमला कॉलोनी (छतरपुर)में है। रचनात्मक कार्य में आपके खाते में मुक्तक,गीत,छंद और कविताएं (वीर रस) आदि हैं। शास्त्रीय संगीत एवं गायन में रुचि रखने वाले श्री सिंह मंच संचालन में प्रतिभावान हैं। यह छतरपुर में ही नर्सिंग छात्र संगठन से जुड़े हुए हैं। लेखन और काव्य पाठ के शौकीन नीतेन्द्र सिंह की नजर में समाजसेवा सबसे बड़ा धर्म है, और सबके लिए संदेश भी यही है।