आखिरी ज़ज्बात

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annapurna
बाँधकर दिल को हमारे,
मुक्त ऐसे कर दिया।
भूल बैठे फर्क भी हम
मुक्त हैं कि कैद हैं।
हम कहें तो क्या कहें,
जो-जो उन्होंने कह दिया।
दर्द भी दिल के हमारे,
सर्द हैं खामोश हैं।
फासला सोचों का है,
छाया है,दिल के दरमियां।
कौन सच्चा,कौन झूठा,
सरपरस्त यह वक्त है।
चोट खाए हैं जो इंसां,
वे समझते दर्द  को।
दिल नहीं है पास जिनके,
ज़ख्म़ दे रूपोश हैं।
शीशे की इक दीवार के,
उस पार तुम,इस पार हम।
दूर भी तो हैं नहीं,
न पास का एहसास है।
शाम होने को चली है,
थाम लो,मेरे हाथ तुम।
तुम और मैं ‘हम’ बने,
यह आखिरी जज़्बात है।
खुशनुमां हों आखिरी पल,
आ जाएँ प्रभु हमको नज़र।
क्या गया,क्या रह गया,
न  सोचने की  बात।
                                                              #डॉ.अन्नपूर्णा श्रीवास्तव
 परिचय : डॉ.अन्नपूर्णा श्रीवास्तव लेखन में  कविता,कहानी,ग़ज़ल माता के आगमन-विसर्जन के गीत भजन  निबंध आदि लिखती हैं। आप लगभग सभी विधाओं में सृजन करती हैं। आप बिहार से हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।