लेखन मूल्यों पर आधारित होना चाहिए-डॉ.अग्निहोत्री

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इन्दौर। लेखन परंपरावादी नहीं होना चाहिए,वरन मूल्यों पर आधारित होना चाहिए। सतीश दुबे जी का लेखन मानवतावाद पर आधारित रहा है,क्योंकि वो कभी किसी अंधी दौड़ में शामिल नहीं हुए।
यह बात मुख्य अतिथि डॉ.कृष्णा अग्निहोत्री ने कही। अवसर था सृजन संवाद और श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा लघुकथा के हस्ताक्षर डॉ. सतीश दुबे की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी अंतिम पुस्तक लघुकथा संग्रह ‘प्रेम के रंग’ का लोकार्पण कार्यक्रम का।
अतिथि डॉ.अग्निहोत्री ने किताब के लोकार्पण के साथ ही डॉ. दुबे और उनके पारिवारिक सम्बन्ध को सबके साथ साझा किया तो कई बार उनका गला भर आया।
विशेष अतिथि डॉ.पुरुषोत्तम दुबे ने कहा कि उनके पात्र हमारे आसपास से होकर ही गुजरते हुए प्रतीत होते हैं। जितनी जीवटता दुबे जी में थी,उतनी ही उनके पात्रों में भी दिखाई देती है। चर्चाकार सतीश राठी ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका लेखन सदा ही प्रभावशाली रहा है। उन्होंने हमेशा सबको आगे बढ़ाया है, कभी किसी को पीछे नहीं किया। यही विश्वास,एक अनूठा आध्यात्म उनकी लघुकथाओं में झलकता है। उन्होंने दुबे जी के संग्रह से कुछ लघुकथाओं का पाठ भी किया।
समारोह की अध्यक्षता साहित्यकार  सूर्यकांत नागर ने की। आपने भी उनसे जुड़े कुछ अनछुए पहलुओं से रूबरू करवाया। आभार मनोहर दुबे ने माना।  संचालन डॉ.दीपा मनीष व्यास ने किया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।