इमरत और सुखिया ने गमछे के ऊपर रखी दो रोटियों को आधा आधा कर मही में गीला कर के खा लिया था और वे अपनी झोपड़ी में लेट गए थे । दोपहरी सिर पर चढ़ चुकी थी । इमरत तो रोज सुबह जल्दी ही घर से खेत पर आ जाता […]
ःःमुझसे शादी करोगी ’’ एक दम सपाट प्रश्न था जिसकी उम्मीद किसी को नहीं होती मुझे तो बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि मेरा उसस कोई ऐसा सम्पर्क या सम्बन्ध भी नहीं था । हल्का-फुल्का हलो हाय ही होता था । यह भी बहुत दिनों बाद शुरू हुआ था । कालेज […]
अस्तगामी सूरज की लाल किरणें जल का श्रंगार कर रहीं थीं वे भी शायद अस्ताचल की ओर प्रस्थान करने के पहिले अपने आपको पवित्र कर लेना चाहतीं थी । सूरज का लाल प्रतिबिम्ब शांत होती जा रहीं जल पर सुन्दर चित्रकारी जैसा उभर आया था एक दम लाल जिसमें अपनी […]
दरवाजे की घंटी ने गायत्री मंत्र के मधुर घ्वनि से सारे घर को गुंजायमान कर दिया था । यह घंटी अब कभी-कभी ही बजती है पर जब बजती है तो सारे घर को देवालय बना देती है । मैंने बड़ी ही उत्सुकता से दरवाजा खोला था । दरवाजा खोलते ही […]
माॅं की गोदी में एक निष्प्राण देह रखी थी जिसके माथे को वह हौले-हौले सहला रही थी । ‘‘मेरा बेटा……….राजा बेटा………आंखें खोलो बेटा……….’’ । निष्प्राण देह में माॅ के स्पर्श का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था । माॅ ने लोरी गानी शुरू कर दी थी ‘‘उठ जा राजदुलारे………मेरा प्यारा […]
छुटकी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा था । उसे उधार खरीदकर लाई गई सस्ती लाल साड़ी पहना दी गई थी, जो लोग, मिहिलाल के लिए कफन लेकर आये थे वे ही साथ में लाल साड़ी भी ले आये थे और लाल चूड़ियां भीं । हाथों में चूड़ियां और […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।