प्यार जब इश्क बन जाता है

1 0
Read Time56 Second

कहते हैं प्यार एक बला है
जमाना इस बला को
गले लगाता क्यों हैं ?
प्यार की एक नजर
कैसे छू जाती है नजर को
अजनबी- अनजाने से बावरे बन
क्यों जीने लगते हैं एक संग ?
प्यार जब इश्क बन जाता है
तब रुहें एक हो जाती है
एहसास एक हो जाते हैं
समां जाती है निगाहें
मन से अंतर्मन में
बंध जाता है एक अटूट बंधन
गूंथ जाता है नाम क्यों ?
इश्क का सांसो संग
दिए जाने लगती है उपमाएं
राधा-कृष्ण की
शब्द हो जाते हैं मौन
पर मौन संवाद अंतहीन हो जाते हैं
फिर लोग कहने लगते हैं कि
इश्क महसूस करना
किसी इबादत से कम नहीं
जरा बताइए छूकर खुदा को किसने देखा है।

स्मिता जैन

matruadmin

Next Post

ये प्यादे भी उछलते बहुत हैं

Sat Jun 26 , 2021
ये प्यादे भी उछलते बहुत हैं आम लोगो को छलते बहुत हैं बना रखा मिजाज गिरगिट सा पल-पल में रंग बदलते बहुत हैं मेहनत से जी चुराने वाले भी ना किसी कामयाब से जलते बहुत हैं कैसे समझाए भला इन मूर्खो को कम दिमाग वाले मचलते बहुत हैं इसलिए तो […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।