करे न कोई गम अब
जाते हुए 2077 संवत का।
जो बीता सो बीता
अब गुजर गया साल।
सिखा गया जाते जाते
लोगों के दिलमें प्रेमभाव।
नहीं आया विपत्ति में
धनदौलत अबकी बार।
भूला कर अपने सारे गम
करे नई सोच के साथ शुरूआत।।
नया साल दे आपको,
मन माफिक परिणाम।
सभी ख्वाब पूरी हो,
करते प्रार्थना ईश्वर से ।
सभी को रिद्धि दे,
सिद्धि दे,
वंश में वृद्धि दे।
ह्रदय में ज्ञान दे,
चित्त में ध्यान दे।
अभय वरदान दे,
दुःखो को दूर कर।
सुख भर पूर दे,
आशा को संपूर्ण कर।
सज्जन जो हित दे,
कुटुंब में प्रीत दे ।
जग में जीत दे,
माया दे, साया दे ।
और निरोगी काया दे,
मान-सम्मान दे।
सुख समृद्धि और ज्ञान दे।
शान्ति दे, शक्ति दे,
और भक्ति भरपूर दें…।
ऐसी में देता हूँ,
शुभ कामनाएं दिलसे।
रहे अमन और शांति
अपने इस मुल्क में।
हिल मिल कर रहे
हमसब अपने भारत में।।
विक्रम संवत 2077 को भूलकर नव संवत 2078 की और गुड़ी पड़वा की मंगल शुभकामनाएं, आप सभी को दिल से देता हूँ। जो आपको हर खुशी के साथ शक्ति शांति समृध्दी दे।।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)