कर लो कर लो,
भारत की सैर भैया।
मिल जाएंगे ,
खुशियों के ढेर भैया।
कर लो कर लो……
चाहे जानों इतिहास,
चाहे जानों भूगोल।
चाहे जानों धरती है,
गोल भैया ।
कर लो कर लो…….
चाहे देखो रंग रूप,
चाहे देखो पोशाकें।
चाहे सुन लो,
अनेकों बोल भैया।
कर लो कर लो…..
चाहे देखो पर्वत,
चाहे देखो नदियाँ।
प्रकृति का ना है,
कोई तोल भैया।
कर लो कर लो……
चाहे चख लो पेठा,
चाहे चख लो इडली।
चाहे चख लो हज़ारों,
भोज भैया।
कर लो कर लो…….
चाहे जानों होली,
चाहे जानों ओणम।
चाहे जानों हज़ारों,
त्योहार भैया।
कर लो कर लो…..
चाहे कर लो पूजा,
चाहे कर लो ध्यान।
चाहे करो गरीबों को,
दान भैया।
कर लो कर लो……..
चाहे जाओ मन्दिर ,
चाहे जाओ मस्जिद।
चाहे तुम जाओ,
चर्च भैया।
कर लो कर लो………
चाहे करो मस्ती,
चाहे पाओ ज्ञान।
सैर से कर लो ,
जीवन खुशहाल भैया।
कर लो कर लो……….
स्वरचित
सपना (स. अ.)
प्रा.वि.-उजीतीपुर
वि.ख.-भाग्यनगर
जनपद-औरैया