तुम हो आशा हमारी, जीने का सहारा तुम हो। भवसागर में फंसे हम, जिसका किनारा तुम हो। तुझसे है धरा पर जीवन, तुझसे ही साँसे हमारी। तुझसे हर सुबह हमारी, तुझसे ही रैन हमारी। रखना ख्याल सबका, बस इतनी सी कृपा हो। भवसागर में फंसे हम, जिसका किनारा तुम हो […]
तू निराश क्यों खड़ा है? किस दुविधा में पड़ा है? कर खुद पे तू भरोसा। प्रभु सँग तेरे खड़ा है। यूँ ही नहीं है मिलती, जग में कोई सफलता। तन मन और लगन से, है कर्म करना पड़ता। तू निराश…….. बेचारा नहीं तू बन्दे, ईश्वर की तू है रचना। एक […]
बाबू जी वापस आ जाओ, एक बार गले से लगा जाओ। तेरे जाने से बाबुल मेरे, तेरी बगिया देखो उजड़ गई। माई रो रो बेहाल हुई, जरा धीरज उसको बंधा जाओ। बाबू जी…….. हम तेरी राह निहारते हैं, आहट सुन द्वार पे भागते हैं। सुनो विनती हमारी बाबू जी, एक […]
हम हैं नन्हे मुन्ने बच्चे, हमको आँख दिखाओ ना। अभी उम्र है पढ़ने की, हमसे काम कराओ ना। कभी होटलों में हमसे तुम, बर्तन साफ कराते हो। कभी घरों में झाड़ू पोंछा, और कपड़े धुलवाते हो। शर्म करो कुछ तो बाबू जी, ये बचपन हमसे छीनो ना। हम हैं नन्हे……… […]
महासागर की लहरों ने क्या जादू किया, देख इसे डोले देखो मेरा जिया। अदाओं से अपनी दिल मेरा लिया, सागर की …….. ऊँची ऊँची लहरे जब उठती हैं, मन को बड़ा हर्षाए। करके इशारे मीठे मीठे प्यारे, हमको पास बुलाए। पल में चुरा ले ये सबका जिया, सागर की……… हमने […]
इंसान को इंसानियत सिखलाए मन में मानवता जगाए ये हमारे संस्कार ओ मेरे यार……. जब कोई दुर्घटना हो जाए किसी को चोट लग जाए रखना उनका ख्याल ओ मेरे यार…… जब कोई मुश्किल में फस जाए कोई रोए और घबराए पूछ लेना उनके दिल का हाल ओ मेरे यार……. जब […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।