जीवन में रस घोले हिन्दी

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मन की गाँठें खोले हिन्दी।
जीवन में रस घोले हिन्दी।।

मैं भी बोलूँ, तुम भी बोलो।
मन से जन-जन बोलें हिन्दी ।।

जीवन में रस घोले हिन्दी।

धरती बोले, अम्बर बोले।
सरिता बोले, सागर बोले।।
बूँद बोले, महासागर बोले।

पवन बोले, सुमन बोले।
झूम-झूम के ‘सावन’ बोले।

मन का ताला खोले हिन्दी।
जीवन में रस घोले हिन्दी।

माँ है हिन्दी, बहन है हिन्दी।
हमारी रहन-सहन है हिन्दी। ।

रस से भी है मीठी हिन्दी
फिर भी हमसे रूठी हिन्दी

हम गैरों को गले लगाते हैं
अपनों को समझ न पाते हैं

हिन्दी माँ सब कुछ सहती है
और बच्चों से कहती है-

सीख सको तो सीखो,
गाओ शत्-शत् भाषी गीत।
लेकिन भूलकर भी मत भूलना
हिन्दी और संस्कृत

जो अपनों को भूल जाता है
उसे संसार भूल जाता है

जो अपनों को ठुकराता है
वह शरण कहाँ पाता है ?

भारत माँ का सुहाग है हिन्दी
चूड़ी, कंगना और है बिन्दी

हिन्दी में पढ़ो, हिन्दी में लिखो
हिन्दी में गाओ गीत।
‘सावन’! समृद्ध भाषा-भाव निरेख
मुस्कुराये संस्कृत ।।

तनोपवन में मन-मयूर
झूम-झूमकर बोले हिन्दी ।
जीवन में रस घोले हिन्दी।।
जीवन में रस घोले हिन्दी।।

सुनील चौरसिया ‘सावन’

कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)

matruadmin

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Sun Sep 15 , 2019
#हेमेन्द्र क्षीरसागर पत्रकार, लेखक व विचारक Post Views: 507

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।