हँस वाहनी,
जगत जननी माँ
पाप नाशनी।
जग जननी,
दुर्गा दुर्गति दूर
कर, वर दे।
घर-घर से,
अफजल निकला
व्यर्थ के नारे।
मोदी ने योगी,
निकाल दिया,अब
कौन सँवारे
भारत तेरे,
टुकड़े होंगे,कहा
ये गद्दारों ने।
जेएनयू को,
बँद करो, मोदी जी
इंसाफ करो।
#एड.महेन्द्र श्रीवास्तव
परिचय : एडवोकेट महेन्द्र श्रीवास्तव दमोह (म.प्र.)में रहते हैं। आपको लेखन के लिए महेश जोशी स्मृति सम्मान सहित साहित्य मेला इलाहाबाद में भी सम्मानित किया गया है। चित्रगुप्त न्यास दमोह द्वारा भी सम्मानित हैं।