नाम:अर्चना कटारे
माता:श्यामा देवी गुप्ता
पिता : स्व.वीरेन्द नाथ गुप्ता
पतिःश्री नीरज कटारे
जन्म स्थानःसिहोरा
शिक्षाः एम ,ऐ ,इतिहास
कार्य क्षेत्र ःशहडोल
सामाजिक क्षेत्रःसमाज की उन्नति के कविताओं के माध्यम सेलोगों मे चेतना जाग्रत करना
विधाः काव्य लेखन भजन,कवितायेँ
गद्यः सँस्मरण,लघुकथा, कहानी,यात्रा वृत्तांत,।
लेखनके क्षेत्र मे प्रयत्नशील हूँ, पाराँगत नहीं हूँ।
प्रकाशन ः
वनिता पत्रिका, सरिता मे कुछ कालम प्रकाशित।
ग्रह लक्ष्मी पत्रिका मे एक कालम प्रकाशित हुआ।
गहोई बन्धु पत्रिका मे लगातार कविता प्रकाशित होतीं रहतीँ है जो कि मरे मनोबल को बढातीँ हैँ।
समाचारपत्र ः
दैनिक भास्कर, समय, पत्रिका , समाचार पत्रों में कवितायें ,और लेख लघुकथा का आना ,मरे लिये नयी ऊर्जा भर देती है।
लोकजँग मे मेरी रचना को स्थान मिला ये मेरे लिये बहुत गौरव की बात है ।
हिन्दी शब्द शक्ति मे प्रकाशित कवितायेँ,सँस्मरण, लघुकथा आदि।
।गहोई महिला मँण्डल द्वारा ,प्रकाशित प्रयास पत्रिका में कहानी *इँसानियत का नतीजा* भी लिखी ,जिसकी सभी ने सराहना की ।
कभी कभी व्यँगयात्मक कविता लिख देती हुँ।
किसी घटना को देख कर मेरा मन भर आता और मे अपने को न रोकते हुए भी लिख देती हुँ।
सम्मानः बडे रूप मे तो नही मिला ।
लेखन का उद्देश्य ः समाज को दहेज मुक्त करवाना, बेटियां पूरी तरह सुरक्षित हो, पर्यावरण सुरक्षित रहे, ज्यादा तर कविता मेरी सँदेशात्मक रहती हैँ ।देश की प्रगति हो आदि।