शहीदों की शहादत को भुलाया जा नहीं सकता,
जखम गहरे हों दिल के,पर दिखाया जा नहीं सकता।
जवानी के दिनों में ले लिया था देशव्रत जिसने
किए अहसान इतने कि चुकाया जा नहीं सकता।
बड़ी मुद्दत से मिलते हैं वतन के लाल ये न्यारे,
किसी कच्चे घड़े को यूं पकाया जा नहीं सकता।
किया आजाद भारत को दरिंदों के फसाने से,
ये कहते हैं कि काले धन को लाया जा नहीं सकता।
‘पवन’ इनकी इबादत में झुकाता है अदब से सर,
चरण में सर झुका जिनकी उठाया जा नहीं सकता।
#पवन कुमार यादव
परिचय : पवन कुमार का जन्म 1991 में हुआ है और आप पिता के साथ कृषि करते हैं। शिक्षा में स्नातक हैं तथा नौकरीपेशा हैं। लेखन आपका शौक है,समय मिलने पर रचनाकार बन जाते हैं। साहित्य में रुचि रखते हैं।
Bhai aap ki rachanao ko padhkar bahot kusi milti hai bhagwan se mai prarthana karta hu ki mera bhai ki rachano ki dor din b din badhti rahe