तेरा परिचय जानूगाँ अब’ दूर कहीं सम्बन्धों से। मैंने तुझको मुक्त कर दिया’ प्यार भरे अनुबंधों से। पूछ रही मेरी जिज्ञासा’ मधुमय मिलन कहाँ पर होगा। पूछ रही है प्रीत ये प्यासी’ निर्मल जलधि कहाँ पर होगा। हम प्रेम नगर का पता पूछते’ फिर सावन के अँधों से। मैंने तुझको […]