जय भारत वंदन,जन अभिनंदन,
सैनिक सीमा, रखवाला।
जहँ बहती गंगा, शान तिरंगा,
देश हमारा, मतवाला।
सबकी अभिलाषा, हिन्दी भाषा,
संविधान है, अरमानी।
हम शीश नवाते, वंदन गाते,
भारत माता, सन मानी।
जय हिन्दुस्तानी,रीत सुहानी,
मात भारती,भयहारी।
सागर पद परसे,जन मन हरषे,
लोकतंत्र जन, सुखकारी।
इतिहास पुराना,सब जग जाना,
विश्व गुरू जो,कहलाता।
था स्वर्ण पखेरू,गिरिय सुमेरू,
रजकण जन शुभ,फल दाता।
गंगा अति पावन,जन मन भावन,
यमुना भावे, नद सारी।
बह निर्मल धारा, कूल किनारा,
तीरथ दर्शन, त्रिपुरारी।
हिमगिरि है अविचल,गिरि विन्ध्याचल,
मुकुट मेखला,शुभकारी।
मिट्टी बलिदानी,अमर कहानी,
वतन हिफाजत, हितकारी।
रह वतन सलामत, करें इबादत,
जन गण मंगल, सुखदायी।
मम मात भारती,करें आरती,
मातृभूमि हे, शुभदायी।
खेती लहराती,वर्षा गाती,
जय किसान धन, उप जाए।
वन बाग सुहाने, कलरव ताने,
कोयल मैना ,स्वर गाए।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः