आओ सभी भारत के निवासी।
चालें चली है अब जो सियासी।
पाकी पड़ोसी करता जिहादी।
आतंक भारी ज्वर है मियादी।
. सीमा सुरक्षा अपनी करेंगे।
. आतंक कारी हमसे डरेंगे।
. माँ भारती है हमसे सुभागी।
. होने न देंगे उसको अभागी।
सींची लहू से धरती हमारी।
कैसे लुटा दें कशमीर क्यारी।
देंगे शहीदी हम तो जवानी।
सीमा निहारे करलें रवानी।
. जीते जियेंगे वरना मरेंगे।
. आवाम मेरे हित ही करेंगे।
. माँ भारती का सपना सजा दें।
. आतंक सारा जड़ से मिटा दें।
राधे मुरारी धरती तुम्हारी।
देखो कराहे दुखिया बिचारी।
पाकी पिशाची करते जिहादी।
सोचे न पापी मनुता गँवादी।
. माने मनादे समझे बतादे।
. गीता हमे तू फिर से सुना दे।
. हे सारथी आज पुरा कहानी।
. माँ भारती के हित दोहरानी।
सेना हमारी तव अारती के।
हो सारथी तू अब भारती के।
आओ कन्हैया रथ में हमारे।
साथी भरोसे हम है तिहारे।
. मेटे धरा से फिर पाप सारे।
. किस्से बनेंगे अपने तुम्हारे।
. पापी मरेंगे सत ही बचेगा।
. ईमान धर्मी रखना पड़ेगा।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः