मेरे प्यारे बेटे राजा…..

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sandhya
मेरे प्यारे बेटे राजा
जल्दी से घर आ जाओ।
दिवाली पर राह तके माँ,
कुछ दीप तुम भी जला जाओ,
आज बनाई घर मे गुजिया मीठी,
मावे की जगह प्यार भरा है इस मे और
बनाई मठरी ,लड्डू ,सकलपारे भी
थोड़ा सा तुम खा जाओ,
मेरे प्यारे बेटे राजा।
दूर बहुत भेजा है घर से ,
तुम को पढ़ने की खातिर
हर रात तुम्हारी चिंता में,
 नींद मुझे नही आती है।
जानती हूँ तुम्हे पसंद है,
गर्मा गर्म रोटी ,मेरे हाथ की।
घी के बिन नही,दाल तुझे है भाती।
पर होस्टल में कहाँ मिलता है घी का खाना।
कुछ रोज छुटियों में ही घर पर  आ जाना।
तेरे पसंद की खीर बनी है,
मालपुआ भी खा जाना।
जल्दी से खत्म कर के पढ़ाई,
इंजीनियर बन जाना।
जानती हूँ इंजीनियर बन के भी
कहाँ, साथ हम रह पायेगे।
तुम कहि विदेश चले जाओगे,
फिर वही घर अपना बसाओगे।
जब तक बूढ़ी नही हुई तेरी माँ,
माँ के हाथ का बना खाना खाने आ जाओ।
दूर बहुत सपनो की नगरी,
फिर भी थोड़ा प्यार जता जाना।
इस दीवाली पर मिलने आ जाना।
भेंट में बस प्यार है माँ-पापा का।
थोड़ा उसे सहेज लेना और दुआओ की
पोटली को साथ मे अपने ले जाओ।
माँ पापा का आशीष छत्र समझ कर रख लेना।
जब भी हो जरूरत,हिम्मत और विश्वास की।
थोड़ी सी गर्मी उस से ले लेना।
बस दूर नही अब डगर,
हौसलों की उड़ान में।
कदम चूमेंगी मंजिल तेरी,
हवाई उड़ान भरने में।।
मेरे प्यारे बेटे राजा
जल्दी से अब आ जाओ।।
संध्या चतुर्वेदी
अहमदाबाद, गुजरात

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।