तुम अधर का गीत बन जाओ

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manoj samariya

तुम अधर का गीत बन जाओ,

मैं गुनगुनाता रहूँ।

महफिलें जब भी सजे

मैं रौनक बढ़ाता रहूँ,

दुआ ऐसी लगे तेरे दिल की माँ..

जमीं से फलक तक

बस जगमगाता रहूँ,जगमगाता रहूँl।

 

खिलाया तूने ये पुष्प जग बगिया में,

खुश है तू सौंपकर इसे इस जहाँ को..

दुआ तेरी रंग लाएगी,

दुआ से तेरी

सौरभ मैं जग को लुटाता रहूँl।

तुम अधर का गीत बन जाओ….l।

 

सींचा लहू तुमने,दिए संस्कार अपने,

बनाने मुझे मिटाए ख्वाब अपने..

क्या देखते नहीं थे तुम्हारे नयन सपने,

अब एक ही है स्वप्न मेरा कि,

स्वप्न अधूरा तुम्हारा हकीकत बनाता रहूँl।

तुम अधर का गीत बन जाओ मैं….।

 

बनाया तुमने मिट्टी से मिट्टी का एक बर्तन,

भर के विचार कर दिया सचेतन..

फिर किया इस पर गम्भीर शोधन,

कर कलुषताओं का विरेचन..

रुके न ये संशोधन की लहर,

नित नव रजकलश मैं बनाता रहूँ।

तुम अधर का गीत बन जाओ,

मैं गुगगुनाता रहूँ।

                                                               #मनोज कुमार सामरिया ‘मनु'

परिचय : मनोज कुमार सामरिया  `मनु` का जन्म १९८५ में  लिसाड़िया( सीकर) में हुआ हैl आप जयपुर के मुरलीपुरा में रहते हैंl बीएड के साथ ही स्नातकोत्तर (हिन्दी साहित्य ) तथा `नेट`(हिन्दी साहित्य) भी किया हुआ हैl करीब सात वर्ष से हिन्दी साहित्य के शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं और मंच संचालन भी करते हैंl लगातार कविता लेखन के साथ ही सामाजिक सरोकारों से जुड़े लेख,वीर रस एंव श्रृंगार रस प्रधान रचनाओं का लेखन भी करते हैंl आपकी रचनाएं कई माध्यम में प्रकाशित होती रहती हैं।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।