गीत

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chandrakanta

हर पल जो मस्ती में झूमे,वह मधुमास कहां से लाऊं।
जो प्रीतम का द्वार न छोड़े,ऐसी प्यास कहां से लाऊं।।

मधु–सरिता रस घोला करती,
संग हवा के डोला करती..
झिंगुर गाते गीत सुहाने,
नदिया के तट मीत पुराने..
मेरा मन आह्लादित कर दे,वो अहसास कहां से लाऊं,
हर पल जो मस्ती में झूमे….।।

कूलों से लहरें टकराती,
संग किनारे मौज मनाती..
सूरज पीता घूँट निशा के,
छूटे सब संकोच दिशा के..
आंधी में दीपक-सा जलता,वह विश्वास कहां से लाऊं..
हर पल जो मस्ती में झूमे….।।

चरणों में फूलों-सा बिछ कर,
मग के सारे कांटे चुनकर..
सागर की लहरों को छू ले,
नभ की मर्यादा को पी ले..
हर पल को उत्सव-सा कर दे,वह उल्लास कहां से लाऊं..
हर पल जो मस्ती में झूमे,वह मधुमास कहां से लाऊं।
जो प्रीतम का द्वार न छोड़े,ऐसी प्यास कहां से लाऊं।।

   #चन्द्रकान्ता अग्निहोत्री

परिचय : चन्द्रकान्ता अग्निहोत्री को लिखते हुए काफी समय हो गया हैl आपकी प्रकाशित पुस्तकें-ओशो दर्पण,वान्या (काव्य संग्रह),सच्ची बात(लघु कथा संग्रह) है तो,`गुनगुनी धूप के साये`
(गीत-गजल संग्रह) और ‘कवितालोक: प्रथम उद्भास’ भी हैl आप अपने लेखन के लिए हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा तो पुरस्कृत की ही गई,साथ ही अन्य संस्थाओं से भो सम्मान पाया हैl  कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं,कहानियां व आलोचनाएं आदि प्रकाशित होती है,तो स्तम्भ लेखन भी जारी हैl पंचकूला, हरियाणा में आप रहती हैं और सेवानिवृत सहायक प्राध्यापक  व पूर्वाध्यक्ष हिन्दी विभाग हैंl

 

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।