ग़ज़ल…

0 0
Read Time1 Minute, 34 Second

vuvek chouhan

कभी दिल में तुम्हारे सब, कभी दिल में हमारे सब,
मुहब्बत में सनम दिखते हैं,अब बंजर नज़ारे सब।

गई हो छोड़ के जब से,यहाँ मातम-सा मंजर है,
कि अब रोती हैं रातों को,मेरे घर की दीवारें सब।

कभी मिलना-मिलाना था,जहाँ यारों सुनो अपना,
तड़पते खूब हैं हरपल,वहाँ साहिल किनारे सब।

दिया था जन्म उसने और,नाजों से भी पाला था,
बुढ़ापे में गए हैं छोड़,माँ को बे-सहारे सब।

अभी तो है ज़िंदा हम पर,जल्दी ही मर जाएंगे सब,
सुनो मुझसे रही थी कह,दिल्ली की मीनारें सब।

                                                                     #विवेक चौहान
परिचय : विवेक चौहान का जन्म १९९४ में बाजपुर का है। आपकी शिक्षा डिप्लोमा इन मैकेनिकल है और प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में नेपाल में ही कार्यरत हैं। बतौर सम्मान आपको साहित्य श्री,साहित्य गौरव,बालकृष्ण शर्मा बालेन्दु सम्मान सहित अन्य सम्मान भी मिले हैं। आपके सांझा काव्य संग्रह-साहित्य दर्पण,मन की बात,उत्कर्ष की ओर एवं उत्कर्ष काव्य संग्रह आदि हैं। आप मूल रुप से नई कालोनी (चीनी मिल कैम्पस) बाजपुर (जिला ऊधमसिंह नगर,उत्तराखण्ड)में रहते हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नव संवत हो मंगलकारी

Tue Mar 28 , 2017
हे ! नव संवत् है तुम्हारा अभिनंदन, ब्रह्म जी ने किया चैत्र में सृष्टि सृजन। चैत्र का महीना,वर्ष प्रतिपदा का दिन, अयोध्या के राजा बने दशरथ नंदन।। हे ! नव संवत् क्या करुं मैं गुणगान, होय पहले ही दिन शक्ति का आह्वान।। गुड़ी पड़वा दिन विजय ध्वज फहरे, लिए नव […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।