अपने रिटायमेंट के बाद, मनोहर जब अपने पारिवारिक दायित्वों से मुक्ति पाया।तब अपने परिवार व समाज को लेकर उसके मन की कुछ सुंदर कल्पनाएं जो शुरू से ही उसके मन मे बसी थी।जिन्हें वो लाख कोशिशों के बाद भी यथार्थ में नही बदल पाया। तो बुढ़ापे में उसने केनवास पर […]

राजीव पुरुषों तक तो ठीक है,पर महिलाओं से भी ये तुम्हारी जो बात बात पर ताली दे हँसने की आदत है।वह सबके सामने जरा ठीक नही लगती।ओर मेरे मायके में तो इसे बड़ा बुरा माना जाता है।क्या तुम मेरे लिए अपनी यह आदत सुधार नही कर सकते।राधिका राजीव से विनीत […]

दीदी जी मेरे पति की तबियत बहुत खराब है,ओर साहब ने मुझे पिछले दो माह से तनख्वाह भी नही दी है।अगर आप अभी कुछ पैसे दे सके।कजरी इसके आगे कुछ कह पाती उसके पहले ही मालकिन बोली,मेरे पास पैसे कहाँ है।तेरे साहब बाहर गए है,वो एक दो दिन में वापस […]

अपनी ममता में माँ, क्यों ऐसे भेद भाव तू करती है वो क्यों तेरा उजला दीपक, मुझे कालिमा कहती है। याद नहीं कब हठ से माँ,तेरी गोदी में लेटी थीं .! तूने कब स्नेह करबंदो में भरकर,मेरी मस्तक चूमी थी ..!! क्यों न अपनी हृदय कुटी में, मुझको दौलत सी […]

नहीं रोती है आँखें अब, किसी के बुझे चुल्हे पे भूख से तड़पते बच्चों पर, नहीं आता है रहम किसी कोl    नशे में डगमगाते युवाओं के कदम, नहीं जाता है ध्यान किसी का बेटे की याद में बिताते पल पर, टूटती सांसों की डोर परl    नहीं थामता हाथ […]

है तीन तलाक असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया। दकियानुसी कठमुल्लाओं के, मुंह पर खींच तमाचा जड़ दिया॥ इस्लाम की धौंस दिखाकर, महिलाओं पर अत्याचार किया। जो सब कुछ लुटाया था तुम पर, उनको ही बेघरबार किया॥ और हलाला का हवाला देकर, उनको जलील तुम करते थे। शरीयत को ढाल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।