स्वयंभू

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anupa harbola

जैसे ही गीता ने मोबाइल ऑन किया, धड़ धड़ करते व्हाट्स एप मेसेज का ढेर लग गया…

गर्ल्स ग्रुप १०५,खानदान ५३,देवरानी जेठानी ३…………

“क्या है आज, जो गर्ल्स ग्रुप (उसके पति के बॉस की वाइफ एडमिन थी उस ग्रुप की, सब उन्हें भाभीजी बोलते हैं) में  इतने मेसेज ,यही सोच कर उसने मेसेज पढ़ने शुरू किए।

भाभीजी ने एक मेसेज फॉरवर्ड किया था,उस पर वाहवाही करते हुए लोग, उनके विचारों को उच्चकोटी का दिखा रहे थे। उसने बिना कुछ लिखे मोबाइल ऑफ किया, तभी इंटरकॉम पर मिसेज खान का फोन आया,”गीता आज भी तुमने भाभीजी के मेसेज पर कमेंट नहीं किया,देखना भारी पड़ेगा तुम्हें ये ।”

“फॉरवर्ड किए पोस्ट पर क्या कमेंट करूँ,वैसे भी बहुत पुराना है वो,मन नहीं किया तो नहीं किया।”

“किया करो, नहीं तो उनको बुरा लगता है,दो तीन बार उन्होंने तुम्हारे बारे में पूछा भी है बातों बातों में,वैसे भी तुम्हारे मिस्टर का प्रोमोशन ड्यू है इस बार ।”

” तो क्या हुआ,वो काबिल हैं मिलना चाहिए प्रमोशन उन्हें।”

“यहाँ काबिलियत से ज्यादा कुछ और मायने रखता है, तुम समझा करो।”

“ऊपरवाला सब देखता है, उसे सब पता है।”

“पर यहाँ उस खुदा से ज्यादा इस खुदा की चलती है, उसी की भक्ति से प्रसाद मिलता है,

मैं भी पहले तुम्हारी जैसी ही थी,६ साल तक कोई प्रमोशन नहीं मिला खान साहब को,जैसे ही इस खुदा की भक्ति की दूसरे साल ही …।”

“पर …”

“पर -वर कुछ नहीं तुम सिर्फ मेसेज पर कमेंट करना शुरू करो बस।”

न चाहते हुए भी गीता ने ” वाह भाभीजी” लिख दिया ………. ।

 

अनूपा हर्बोला

विद्यानगर (कर्नाटक)

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।