हिन्दी के सम्मान हित, कार्य करते दिन रात।
मातृभाषा, परिवार है, साहित को सौगात।
साहित को सौगात, सभी के सृजन प्रकाशे।
नवसृजक हितमान,सभी की कलम विकासे।
कहे लाल कविराय ,साहित भाल की बिन्दी।
अर्पण जैन महान, समर्पित जीवन हिन्दी।
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करते सृजन प्रकाश ये, हिन्दी अंतरजाल।
अर्पण जी छापे सभी, छंद गीत स्वर ताल।
छंद गीत स्वर ताल, विधाएँ सब हिन्दी की।
सीखो और सिखाय, मातृभाषा बिन्दी की।
शर्मा बाबू लाल, हृदय धर कविता रचते।
अर्पण जी के संग,सृजन हिन्दी हित करते।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः