भारतीय भाषा सम्मान यात्रा की व्यवस्था के लिए बिजय कुमार जैन अपने साथियों के साथ हैदराबाद पहुंचे

0 0
Read Time2 Minute, 27 Second

vaishwik

हैदराबाद में होगी ३१ दिसम्बर २०१८ को हिंदी बनें राष्ट्रभाषा अभियान की सभा

दिनांक २८ नवंबर २०१८ को हम सभी हैदराबाद पहुंचे हैदराबाद में हम सभी जैन मंदिर के प्रांगण में यहां के स्थानीय समाजसेवी अरुण मुथा जैन के नेतृत्व में हम सभी सुरेंद्र बाबू लुनिया से मुलाकात की और उन से निवेदन किया कि हम हैदराबाद में ३१ दिसंबर २०१८ से संध्या को पहुंचेंगे हमारे साथ भारतीय भाषा सम्मान यात्रा में शामिल करीब ५०० लोग होंगे और यहां के स्थानीय भारतीय भाषा सैनियों के साथ हमारी एक सभा होगी, आम सभा में हम लोगों से कहेंगे कि हर इंसान पहले अपनी मातृभाषा को प्यार करता है, हर एक को राष्ट्रभाषा से प्यार करना चाहिए कारण यह है कि भारत के किसी भी कोने में जाकर हम राष्ट्रभाषा के द्वारा अपनी रोजी-रोटी कमा सकते हैं हमारा नारा है, पहले मातृभाषा फिर राष्ट्रभाषा। बाबूजी ने हमें कहा कि हम यहां के स्थानीय हिंदी महाविद्यालय या कुलपाक तीर्थ में व्यवस्था करने की पूरी कोशिश करेंगे हमने उनसे कहा कि आपका यह सहयोग भारतीय भाषा संस्कृति संवर्धन के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा और हमें विश्वास है कि जनवरी महीने में आदरणीय महामहिम राष्ट्रपति जी के पास पहुंच कर निवेदन करेगें कि सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान बढ़ाया जाए और भारत की राष्ट्रभाषा घोषित हो यह है १२५ करोड़ लोगों के अरमान, साथ ही हम महामहिम से निवेदन करेंगे कि इंडिया का नाम जो अंग्रेजो के द्वारा हम पर थोेपा गया उसे भारत के नाम से संबोधित किया जाए हमें विश्वास है कि आदरणीय महामहिम हमारे निवेदन पर कार्रवाई करेंगे।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आग की लपटें

Sat Dec 1 , 2018
मैं आज सुबह उठा और देखा रात की बूंदाबांदी से जम गई थी धूल वायुमंडल में व्याप्त रहने वाले धूलकण भी थे नदारद मन हुआ खुश देखकर यह सब कुछ देर बाद उठाकर देखा अख़बार तो जल रहा था वतन साम्प्रदायिकता व जातिवाद की आग में यह बरसात नहीं कर […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।