महोदय, राष्ट्रपति सचिवालय से हिन्दी में प्रेस विज्ञप्तियाँ जारी नहीं की जा रही हैं और न ही वेबसाइट पर प्रकाशित की जा रहीं हैं। राष्ट्रपति सचिवालय में धारा 3(3) का उल्लंघन भी हमेशा किया जाता है। 1) 19 अगस्त 2020 को सचिवालय द्वारा अंतिम बार हिन्दी में “भारत के राष्ट्रपति […]

गाँधी जी ने हिन्दी के आन्दोलन को आजादी के आन्दोलन से जोड़ दिया था. उनका ख्याल था कि देश जब आजाद होगा तो उसकी एक राष्ट्रभाषा होगी और वह राष्ट्रभाषा हिन्दुस्तानी होगी क्योंकि वह इस देश की सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली और समझी जाने वाली भाषा है. वह अत्यंत […]

जीवन व्यापार में भाषा की भूमिका सर्वविदित है . मनुष्य के कृत्रिम आविष्कारों में भाषा निश्चित ही सर्वोत्कृष्ट है. वह प्रतीक (अर्थात कुछ भिन्न का विकल्प या अनुवाद ! ) होने पर भी कितनी समर्थ और शक्तिशाली व्यवस्था है इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि जीवन का कोई […]

प्रो. जोगा सिंह वास्तव में हिन्दी के योद्धा नहीं है. उनकी मातृभाषा पंजाबी है. वे मातृभाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्होंने अपने जीवन का यही मिशन बना लिया है. यदि ऐसा होता है तो देश के 99 प्रतिशत विद्यार्थियों को फायदा होगा, उन […]

राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय एनडीसीसी-II ( नई दिल्ली सिटी सैंटर) भवन, ‘बी’ विंग चौथा तल, जय सिंह रोड, नई दिल्ली -110001 विषय: दूरदर्शन द्वारा हिन्दी समाचारों में हिन्दी के स्थान पर हिंग्लिश का प्रयोग निरंतर बढ़ाने व हिन्दी कार्यक्रमों का नामकरण अंग्रेजी में करने के विरुद्ध अभ्यावेदन महोदय, दूरदर्शन (प्रसार […]

वर्धा, दि. 09 जनवरी 2020 | महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय हिंदी को विश्‍व भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए संचालित है। इस दृष्टि से विश्‍वविद्यालय डेढ़ दशक से विदेशी विद्यार्थियों के लिए हिंदी के अनेक पाठयक्रम संचालित कर रहा है। इनमें प्रमाण-पत्र और उपाधि पाठयक्रमों के साथ-साथ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।