जग-मग तारो सी
आज दीप से धरती सजी
दीप आस्था की
सबके मन से जली।
जैसे सबके घर श्रीराम आएँगे
माता लक्ष्मी को सँग लाएँगे
दीप जला के रखना सभी
श्रद्धा भक्ति से दिख ही जाएँगे
जग-मग तारो सी
आज दीप से धरती सजी
दीप आस्था की
सबके मन से जली।
उमंग उत्साह और भाईचारे
दीपावली को है भाती
साफ सफाई से चमककर
खुशियों की दीप जगमगाती।
खिले हुए चेहरो की
शान और बढ जाती
उन हाथो में जब
पटाके,मिठाईयाँ आती
झूम-झूम कर दीप जलाती
हर घर की शोभा बढाती
जग-मग तारो सी
आज दीप से धरती सजी
दीप आस्था की
सबके मन से जली।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति