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विद्यासागर जी की राह निहार के।
मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में /
सब की अँखियों के नूर, सब के दिलो के सुरूर /
चाहे रहो कितनी दूर,लाना है मुंबई में ज़रूर //
विद्यासागर जी की राह निहार के।
मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में /
ज्ञान बरसे, दुनिया जाने /
मुंबई तरसे कोई न जाने /
दिल में लगी है मुंबई लाने /
इसलिए मुंबई वाले,आये है श्रीफल चढ़ाने /
चाहे रहो कितनी दूर,लाना है मुंबई में ज़रूर/१/
विद्यासागर जी की राह निहार के।
मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में /
जिस दिन मुंबई को मिलेगा मौका /
ज्ञान की गंगा बहेगी यहाँ पर /
देखेगी सारी दुनिया ये चौमासा /
बस गुरुवार की हाँ का इंतजार है /
हम लोग खड़े है तेरे द्वार पर /२/
विद्यासागर जी की राह निहार के।
मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में /
सभी साधर्मप्रेमी बंधुओ को, संजय जैन (मुंबई) के द्वारा रचित उपरोक्त भजन गुरूजी सेवा समिति मुंबई एवंम समस्त जैन समाज की ओर से आचार्यश्री को मुंबई लाने हेतु उनके चरणों में समर्पित है /
सदर जय जिनेन्द्र देव ,
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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Sanjay ji bahut hi badiya likha aapane aur Mumbai valo ki bhavanao Ko vykt kiya. Namustu guruvar.