कोई कहता है मरा हिन्दू कोई कहता मुसलमान मरा है
अरे कोई ये क्यूं नहीं कहता आज फिर इक इन्सान मरा है
कोई कहता ब्राह्मण मरा है मरा है कोई कहता ठाकुर
न ब्राह्मण न ठाकुर मरे हुए गांधी का हिन्दुस्तान मरा है
न अम्बेडकर का शूद्र सिद्धांत न मनु की मनुस्मृति मरा यहां
मरा तो शायद स्वामी विवेकानन्द जी का अभियान मरा है
हिन्दू-मुस्लिम के चक्कर में वेदों की मूल प्रति हम गवां बैठे
पांच पति मान बैठे हम द्रोपदी का स्वाभिमान मरा है
लोकतंत्र है जाओ वोट डाल राजनीति को भूल जाओ
नीति नेताओं के चक्कर में भारत का सम्मान मरा है
लड़ते कटते लुटते रहे सदियों से इबादते फर्क खातिर
मरे तो हमीं अब तक कब अल्लाह गॉड भगवान् मरा है
लड़ते लुटते बिखर जाएंगे फिर एक दिन ऐसे तीरथ
भाई के मरने पर भाई सोचेगा यह तो शैतान मरा है
#आशुतोष मिश्र तीरथ
गोण्डा