परम पूजनीया गणिनी आर्यिका विशुद्धमती माताजी के पावन चरणों में भावों की स्वर्णिम माला 

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rikhabchand
१ दैवीय है — आपका स्वरूप
२पूजनीय है—आपके चरण
३ करणीय है–आपकी पूजा
४ लेखनीय है -आपका चरित्र
५ माननीय है -आपकी मृदुता
६ मोहनीय है—आपकी ममता
७ दर्शनीय है– आपकी छवि
८ पठनीय है —–आपके लेख
९ माननीय है-आपका पराक्रम
१० श्रवणीय है-आपके उपदेश
११वर्धनीय है –आपकी प्रसिद्धि
१२पालनीय है —आपकी आज्ञा
१३ ग्रहणीय है — आपका त्याग
१४ अर्चनीय है-आपकी धर्मचर्या
१५ सेवनीय है आपकी वैयावृत्ति
१६ प्रार्थनीय है— आपकी भक्ति
१७ कल्पनीय है —आपकी शक्ति
१८ वर्णनीय है—-आपका जीवन
१९ विचारणीय —-आपकी सादगी
२० कथनीय है—- आपका वर्णन
२१ प्रेरणीय है ——आपका संयम
२२ रक्षणीय है –आपका अस्तित्व
२३ शोभनीय है–आपका दरबार
२४ जपनीय है ——आपका नाम
२५ घोषणीय है –आपका सम्मान
२६ उच्चारणीय है –आपका जयघोष
२७ तपनीय है —–आपकी क्षमता
२८ प्रशंसनीय हैआपका व्यक्तित्व
२९ वंदनीय है —-आपकी साधना
३०आदरणीय है आपका आचरण
३१श्लाघनीय है –आपकी तपस्या
३२स्मरणीय है —–आपकी वाणी
३३आदरणीय है —आपकी गुरुता
३४प्रदर्शनीय है  –आपका कृतित्व
३५सराहनीय है -आपकी उदारता
३६प्रकाशनीय है आपकी तेजस्विता
३७कल्पनीय है—-आपकी शक्ति
३८अतुलनीय है —–आपका ज्ञान
३९संवर्धनीय है — आपकी गरिमा
४०विचारणीय है —आपके विचार
४१सम्माननीय है  -आपके निर्देश
४२अनुकरणीय है -आपकी सरलता
४३अनुसरणीय है–आपके संस्कार
४४उपकरणीय है-आपकी पिच्छी
४५विश्वसनीय है –आपकी श्रद्धा
४६अभिनंदनीय है -आपकी जिंदगी
४७उल्लेखनीय है – आपकी महानता
४८अभिवंदनीय है- आपके आदर्श
४९अनुशासनीय है -आपकी मर्यादा
५०अपेक्षणीय है –आपका आशीष
हे गुरू माँ! यह रिखब आपके अपनत्व को भुला नही सकता
#रिखबचन्द राँका
परिचय: रिखबचन्द राँका का निवास जयपुर में हरी नगर स्थित न्यू सांगानेर मार्ग पर हैl आप लेखन में कल्पेश` उपनाम लगाते हैंl आपकी जन्मतिथि-१९ सितम्बर १९६९ तथा जन्म स्थान-अजमेर(राजस्थान) हैl एम.ए.(संस्कृत) और बी.एड.(हिन्दी,संस्कृत) तक शिक्षित श्री रांका पेशे से निजी स्कूल (जयपुर) में अध्यापक हैंl आपकी कुछ कविताओं का प्रकाशन हुआ हैl धार्मिक गीत व स्काउट गाइड गीत लेखन भी करते हैंl आपके लेखन का उद्देश्य-रुचि और हिन्दी को बढ़ावा देना हैl

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।