वैश्विक हिंदी सम्मेलन तथा श्रीमती एम एम पी शाह महिला आर्ट्स एंड कॉमर्स महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज की महिला – विद्यार्थियों के लिए भाषा प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कंप्यूटर और मोबाइल पर देवनागरी लिपि और अन्य भारतीय भाषाओं की लिपियों में काम करने का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि हिंदी साहित्यकार श्री माणिक मुंडे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि विश्व की अनेक भाषाएँ कुछ ही समय में लुप्त होने जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘अपनी भाषाओं को बचाने के लिए हमें हर संभव उपाय करने होंगे ताकि देश की भाषा और संस्कृति की रक्षा की जा सके। ‘उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी कई पुस्तकें किसी से डी.टी.पी. न करवा कर देवनागरी लिपि में स्वयं टाइप की हैं। अध्यक्ष पद से बोलते हुए कॉलेज
की प्राचार्या श्रीमती लीना राजे ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम से उनके विद्यार्थी भारतीय भाषाओं की लिपि में काम करने में दक्ष हो सकेंगे।
विद्यार्थियों ने यह वादा किया कि वे भविष्य में अधिक से अधिक संदेश मातृभाषा और राष्ट्रभाषा हिंदी में और इन भाषाओं की लिपियों में ही टाइप करके भेजेंगे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैश्विक हिंदी सम्मेलन के निदेशक डॉ एम एल गुप्ता आदित्य’ ने कहा कि यदि भारतीय भाषाएँ न बची तो भारतीय संस्कृति और भारतीयता को बचाना भी संभव न होगा डॉ एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’ ने विद्यार्थियों को मोबाइल और कंप्यूटर पर हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं की लिपियों में काम करने की विभिन्न प्रकार की विधियों और संबंधित प्रौद्योगिकी की जानकारी देते हुए उनसे भारतीय भाषाओं की लिपियों में कार्य करने का अभ्यास करवाया।
कार्यक्रम हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीमती किरण सिंह तथा ऐसोसिएट प्रोफ़ेसर श्रीमती उषा मिश्र द्वारा कॉलेज की कंप्यूटर लैब में आयोजित किया गया जिसमें कंप्यूटर लैब के कार्मिकों का काफी सहयोग मिला।
श्रीमती उषा मिश्र ने बताया कि वे देवनागरी में टाइपिंग को प्रोजेक्ट कार्य के रूप में बच्चों से करवाया जाएगा ताकि विद्यार्थी अधिक से अधिक इसका अभ्यास करें।
विद्यार्थियों ने इस प्रशिक्षण में अत्यधिक उत्साह दिखाया और सभी ने प्रारंभ से ही मोबाइल में और कंप्यूटर पर टाइप कर के और बोल कर काफी सामग्री देवनागरी लिपि और अन्य भारतीय लिपियों में तत्काल टाइप करनी प्रारंभ कर दी। अनेक विद्यार्थियों ने तत्काल व्हाट्सऐप पर देवनागरी में अनेक संदेश भेजे।
कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित से प्रभावित होकर यह भी निश्चय किया गया कि अन्य विद्यार्थियों के लिए भी भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।अंत में हिंदी विभागाध्यक्ष श्रीमती किरण सिंह ने मुख्य अतिथि, वैश्विक हिंदी सम्मेलन के निदेशक डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, कंप्यूटर लैब के कार्मिकों तथा उत्साहपूर्वक प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों को भी धन्यवाद ज्ञापित किया ।
#वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई
मातृ भाषा के संवर्धन और विकास में की दिशा में अच्छा और सार्थक प्रयास है। विशेष रूप से युवा वर्ग को अपनी मातृभाषा से जुड़ने का प्रयास सराहनीय है। भाषा और संस्कृति का संबंध माता और संतान के समान है भाषा के बिना अपनी संस्कृति की उपादेयता संदिग्ध हो जाएगी। अपनी अस्मिता और सांस्कृतिक धरोहर को संभालने के लिए भाषा भी को सुरक्षित रखना जरूरी है।साधुवाद