आज शिक्षा का मूल्य इतना बढ़ गया है कि सामान्य परिवार के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, डॉक्टर बनना है तो मेरिट लिस्ट में शामिल होने के लिए 95 से ज्यादा प्रतिशत के साथ परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है,   एक गांव में किसान का बेटा पढ़ाई […]

रथ यात्रा विश्व की प्रसिद्ध और प्रधान यात्रा हे, रथ यात्रा पूरी और अहमदाबाद में आशाढ़ शुक्ल द्वितीया को होती है, श्री जगन्नाथ, सुभद्रा को स्नान करावकार रथ मे बिठाकर बड़े समारोह के साथ जनकपुर और विश्राम वाटिका की ओर जाते हैं, ટીમો देवता सुन्दर गहना पहने ठाठ बाट के […]

बच्चो की अच्छी देखभाल के लिए 105 साल पहले मदरस डे की शुरुआत हुई थी, अमरीका में एन जार्विस ने 1858 को “मदरस डे वर्क क्लब की स्थापना की गई थी, उनकी माता के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए उनकी पुत्री ने 1905 को एन की मृत्यु के बाद […]

   दिन दयाल उपाध्याय का जन्म धर्म परायण श्रीमती राम प्यारी और भगवती प्रसाद के यहा 25 सितंबर 1916 में हुआ था, ब्रज भूमि मथुरा जिले के नगला चन्द्र भान गांव में दिन दयाल उपाध्याय के प्रपितामह विख्यात ज्योतिषी पंडित हरिराम उपाध्याय थे, दिन दयाल उपाध्याय का बचपन एक सामान्य […]

शास्त्रों में कहा गया है कि स्त्री माँ के रूप में गुरु होती है, स्त्री की उपमा माँ, बहन और पत्नी भी होती है माँ से बड़ा इस दुनिया में भगवान भी नहीं है बंगले, गाड़ी और एश की दुनिया में, माँ से बड़ा कोई सम्मान नहीं है खूब कमा […]

patel बेटी बचाओ, बेटी, बेटी बढ़ाओ बेटियों को देश में आगे बढ़ाओ एक नया इतिहास रचाओ और प्यारी बेटियों को बचाओ बेटी पिता की शान है पिता के ह्रदय की जान हे बेटियाँ थकी वंश हे बढ़ता कुम कुम पगले आंगन में पड़ते भारत की वो बहादुर बेटी थी वो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।