“दहेज”

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keshav

दहेज मांगकर हम ये कर रहे हैं,
ना खुद जी रहे!ना मर ही रहे हैं,
सभी जानते!अभिशाप है ये,
जो माफ न हो!वो पाप है ये,
इस आग में बहुत घर जल रहे हैं
बच्चियाँ तो कोख में ही मर रही हैं,
न जाने फिर क्यों!वही कर रहे हैं,
ना खुद जी रहे!ना मर ही रहे हैं।
ये माना दहेज एक प्रथा बन गयी है,
मस्तिष्क की एक व्यथा बन गयी है,
लेकिन!
है हमने सती की प्रथा को भी तोड़ा,
है हमने बाल-विवाह को भी छोड़ा,
विधवा विवाह को है हमने ही जोड़ा,
है छुआछूत की बुराई को भी छोड़ा,
फिर क्यों न दहेज की प्रथा को तोड़ें,
इस कोढ़ को क्यों न खत्म कर ही छोडें,
अजन्मी के जन्म की खुशियाँ मनाएँ,
दहेज के बन्धन से सब मुक्त हो जाएँ,
किसी के घर को हम कभी न उजारें,
खुद खुश रहें सबको खुशियाँ दिलायें,
दहेज को हम सभी मिलकर मिटाएँ,
न दहेज लेकर मैं तो आगे बढ़ रहा हूँ,
उसी राह पर सबकी बाट जोह रहा हूँ,
अब क्यों रुक गए!अब आगे बढ़ो न,
कुछ कदम हम चले!तुम भी चलो न,
अब इस कोढ़ को मिटाना है हमको,
दहेज मुक्त समाज बनाना है हमको।
दहेज मुक्त समाज बनाना है हमको।।(इति)।।
   #केशव कुमार मिश्रा

 परिचय: युवा कवि केशव के रुप में केशव कुमार मिश्रा बिहार के सिंगिया गोठ(जिला मधुबनी)में रहते हैं। आपका दरभंगा में अस्थाई निवास है। आप पेशे से अधिवक्ता हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।