महीनों से सड़क पर कभी धरना कभी प्रदर्शन कभी ट्रैक्टर रैली तो कभी रेल रोको देश में मजबूत विश्वसनीय न्यायप्रणाली पर कहीं खाप कहीं पंचायत कहते किसान ? वह किसान पहचान है जिसकी श्रम और अन्न उगाने में पर यह न जड़ और न ही जमीन। सहारा कभी इस कन्धे […]

वह गीत है जिसमें लगी है सभी की प्रीत आते ही जिसके खिल जाते हैं कोमल पुष्प महक उठते हैं उपवन झूम उठते हैं सभी के मन मौसम- बन जाता है सुहावना नूतन सौन्दर्य छा जाता है चहुं ओर कई तरह के सतरंगी पुष्प खिलकर बढ़ाते हैं शोभा बगीचों की […]

फटे जूते अपने आप में अनोखे होते हैं जो धूल खाकर अनुभव समेटकर ठोकर खाकर भी आगे बढते जाते हैं । और आगे भी बढते रहने का हौसला रखते हैं । ये वही जूते है जो स्वयं कांटो पर चले हैं पर मजाल नहीं कि पैरो तक चुभने दें। अब […]

अफ्रीका में आंदोलन चलाया सबको समानता का अधिकार दिलाया वापस भारत आ करके आजादी का बिगुल बजाया। चंपारण में सत्याग्रह चलाया अहमदाबाद में मजदूरों को अधिकार दिलाया, खेड़ा में किसानों पर जुल्मों को हड़तालों से बंद कराया। असहयोग आंदोलन चलाया सविनय अवज्ञा से जनता को जगाया, जली होलिका विदेशी वस्त्रों […]

स्वरों से सजी है व्यंजन भी सभी हैं , यह हिंदी हमारी है प्राणों से प्यारी। संस्कृत से जन्मी है उर्दू की बहन है, मातृभाषा हमारी है प्राणों से प्यारी। भावों से प्रवाहित व्याकरण से प्रकाशित, राजभाषा हमारी है प्राणों से प्यारी। ये है भारत की पहचान ये है भारत […]

01 सावन आए बादल उमड़ के बरखा लाए। 02 डाली के झूले बनते इतिहास अब सावन। 03 खिल जाता है साजन का साथ पा हाथों का रंग। 04 मोर नांचते कोयल है बांचती घर मेंहदी। शशांक मिश्र भारती (शाहजहांपुर) Post Views: 488

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।