पिघलता है जब हिमालय तब जाकर कहीं नदी में बहती है साँसें नदी में संचरित होता है जब जीवन तब जाकर कहीं खेतों में सरसों के फूल खिलते है गेहूं की बालियाँ लहलहाती है धान की खुशबू महकती है खेत हरित होते है जब तब जाकर कहीं पहाड़ जीवंत होते […]

एक आदमी ने पत्थर विजित किया वो उसे उठाकर घर ले आया दिन रात उसकी पहरेदारी करने लगा वो आजाद होने का गुमान करता रहा मगर उन्ही ढकोसलो मे जीते जीते उसने जिन्दगी गुजार दी फिर उसने उसी पत्थर से बंधकर समंदर मे तैरने की सोची वो वहीं डूब गया […]

ऐसा कुछ है तुझमे और मुझमे जैसे हवा गाती है तुम्हारे गीत मै लिखता हूँ तुम्हारे रूप ! पर एकाकी रहेगा ये मन प्रकृति के प्रेम मे समंदर जैसा या फिर शून्य के गर्त मे ब्रह्माण्ड खोजने जैसा तुम्हारे प्रेम में ! शंकर सिंह परगाई श्रीनगर गढ़वाल Post Views: 9

भैयाजी का नाम है भगवान् स्वरूप किन्तु लोग इन्हे भाईचारे के कारण भैयाजी शब्द से संबोधित करते है। शादी-विवाह, मौत-मरकत, जाति-बिरादरी, जान-बरात, स्कूल-अस्पताल, थाना-चुगीनाका कहीं पर भी आपके दर्षन हो सकते है। कभी वे किसी से बतियाते, ताल ठोंकते, हाथ उठाते, नारा लगाते, तख्ती पकड़े, माइक थामे, रेली में धरने […]

बार-बार इनकार करने पर भी पीछा नहीं छोड़ती,तुम समय व स्थान का भी अनुमान नहीं लगाती,कब कौन-कहाँ-कैसी भी अवस्था में हो,तुम तपाक से आ जाती हो। लाख मना करने पर भी तुम्हारे कानों पर जूं नहीं रेंगती। उस दिन स्टेशन की सूनी बेंच पर तुम आकर बैठ गई। और तो […]

आज पहली बार गाँव में जीव-जन्तुओं की सुनवाई के लिए रात्रि चौपाल का विशेष आयोजन रखा गया है। समस्त क्षेत्रीय जीव-जन्तु पूरी तैयारी के साथ चौपाल पर आते हुए राजमार्गों पर दिखाई दे रहे हैं। सभी जीव-जन्तु अपने-अपने समूह में चले आ रहे हैं। जीव-जन्तुओं में शाकाहारी,मांसाहारी,उड़ने वाले,रेंगने वाले तथा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।