प्रीत प्यार के रंग हैं देखो अनेक ढंग हैं, बतलाए कौन सखी किसको सुनाती है।1 रंग उडत गगन. सखी सहेलिन संग होरी में बतियाँ करे पिया को सुहाती है ।2 फागुन बौरान लागो मनवा हर्षान लागो तनमन में हिलोर ये होली मचाती है।3 पडत रंग फुहार भीजत अंग हमार तिरछी […]

पवन वेग से उड रे चेतक , जहाँ दुश्मन आया है । रख रुप विकराल उसने , ताँडव वहाँ मचाया है। रक्तरंजित हो गयी धरा , निरपराधों के लहु से। जाने पाये न वो नराधम रंग धरा उसके लहु से । रही सिसकती आज वसुधा, देख अपना दामन लाल। न […]

रोकर काटी कितनी रातें,राह तकते गुज़ारे जो दिन मधुमय जीवन की बहारें ,झूठी हो गयीं पिया तुम बिन अपनी पीड़ा भूल सजन तुम ,जरा यूँ ही मुस्कुरा देना *पल दो पल उनकी यादों का ,पानी आँखों में भर लेना* *भूले बिसरे पलों को तुम यादों में अपनी बसा लेना* सजा […]

स्वतंत्रता शब्द ही ऐसा है जिसमे एक उमंग छुपी है खुल के जीने के मायने, खुल के अपनी बात कहने की स्वतन्त्रता,विचारो को अभिव्यक्त करने की छूट,लिखने की छूट, पढ़ने की छूट,अपने आप को साबित करने की छूट ,हर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की छूट—-कुल मिला के स्वतंत्रता किसी […]

भ्रूण किया गुहार ऐ माँ बड़ी मिन्नतो के बाद , विधाता ने दिया , तेरी कोख मे स्थान , माँ मुझे दे वरदान , कृपा कर जीने का । क्या तू मुझे देख नहीं सकती ? तो मुझसे क्या.?कोई ममत्व नहीं , क्यों….? क्रूर बन , करवाती हो भूण हत्या […]

कौन करेगा जग में ऐसा जैसा माँ प्यार…. करती है बिना स्वार्थ के .. अपने बच्चे का वो ख्याल रखती है । हो पागल या फिर लूला , फिर भी ना वो बदलती है । प्राणो से भी बढ़कर , बच्चे की सेवा करती है । पद प्रतिष्ठा देखकर , […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।