हिंदी है भाषा मात्र नहीं भारत माता का मान कहो। यह मानवता का जन्मपत्र इसको तो हिंदुस्तान कहो।         इसको संतों के आश्रम में        मर्यादाओं ने पाला है ।        इसकी साँसों में यज्ञ ,गन्ध         ऋषियों -मुनियों […]

5

अम्मा की दो अंगुलियां काली नहीं होती अब तो, बच्चों के नैनों में काजल भी नहीं मिलती अब तो। कजरा रे और काले नैना कोरी कल्पना रह गयी, और धीरे धीरे काजल श्रृंगारदान से गायब हो गयी। पल्लू माँ की साड़ी का अब गंदा नहीं होता माँ से रह कर […]

4

पायल,दिव्य पद कमल वे दिव्य-देवी प्रमान् की। जानकी हर ली दशानन बाजी लगादी जान की। हाः राम,हाः लषन, वीर हर ली ये रावण पातकी। मानी न, आन लषन की दोषी बनी निज जानकी। क्रोधित जटायू भिड़ रहा ले जाने न दे माँ जानकी। जानकी हित ‘पर’कटाये परवाह नहीं की जान […]

   सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को हुआ। हिंदी साहित्य में चगयवादी युग के प्रमुख कवियों में पंत जी का नाम प्रमुख है। इनका जन्म अल्मोड़ा जिले के कोसानी बागेश्वर उत्तराखंड में हुआ था। जन्म के 6 घण्टे बाद ही इनकी माता का निधन हो गया था। उनका […]

माँ क्या हो तुम मेरे लिए पूछता है सारा जहां मुझसे सच कहूँ तो सारा जहाँ हो तुम मेरे लिए ममता की मूरत, दुनियां की भीड़ में मासूम-सी सूरत अपने को गलाकर तपते रेगिस्तान में शीतल छाँह-सी नदी सी बन प्यास बुझाती सारी इच्छाओं को तुम पूरी करती जाती माँ, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।