मृत्यु ही जीवन है जीवन महासंग्राम है मृत्यु ही एक महाविश्राम है जीना इसी का नाम है जीवन ही संघर्ष है संघर्ष ही संघर्षों का विक्रान्त है मृत्यु का है विनाशी मृत्यु जीवन का राजवंशी राजा समय है समय दृष्टिगोचर,अदृश्य दृश्यों सा शबाब है शबाब ही ख्वाब है संघर्ष सीखने […]

धानी चूनर आज ओढ़ाकर,  धरती की लाज बचाएँ हम | पर्यावरण सुरक्षित रखकर, प्रदूषण दूर भगाएँ हम | हरी -भरी जब रहे वसुंधरा, देती जीवन दान है | समृद्धि हर ओर है होती, होती होठों मुस्कान है | एक -एक मानव पेड़ लगाकर, हरियाली आज बचाले जो, *पृथ्वी दिवस* सुनहरा […]

बिहार कथा….. पूरी दुनिया में लोगों को इन्साफ उनकी भाषा में ही मिलता है। हमारे देश में भी राजाओं – महाराजाओं के जमाने से यही होता रहा है। अगर भारत पर विदेशी सत्ता कायम नहीं होती तो अब भी यही हो रहा होता। पर शायद हम दुनिया जैसे नहीं हैं। […]

हाथ-पैर में लगे जो काँटा, वो तो सबको दिखता है | पर जो”अंतस”में चुभा है, वो न किसी को दिखता है | रह -रहकर जो टीस है देता, दिल कितना फिर रोता है | “अंतस ” में उस चुभे काँटे का, दर्द नहीं कोई देखता है | हाथ -पैर के […]

आ गए वापिस मेरे वतन के हीरो करके पाकिस्तान दहन बिल्कुल वैसे जैसे हनुमान ने किया लंका दहन मेरे देश केअभिनंदन गए तोड़ के सीमाओं के बंधन तहस नहस किया  दुशमनों को घर में उसी के गा रहा देश सारा  वंधन और कर रहे हमारे रघुनंदन का अभिनंदन बांहो में […]

हर-हर महादेव शिव शंकर हे!बैरागी हे!चन्द्रशेखर नाग वासुकी कण्ठ सुशोभित मस्तक पर द्विज चन्द्र है सुंदर गौरी के गौरव हे! अविनाशी मृत्यंजय हे!गिरि के वासी कांप उठे सब तीन लोक तब डम-डम डमरू नाद करे जब शीश जटा सोहे किलोल भरी अभिषेक करे  पावन जल से भस्मों का श्रृंगार किये […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।