गौरी के गौरव

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gunjan gupta
हर-हर महादेव शिव शंकर
हे!बैरागी हे!चन्द्रशेखर
नाग वासुकी कण्ठ सुशोभित
मस्तक पर द्विज चन्द्र है सुंदर
गौरी के गौरव हे! अविनाशी
मृत्यंजय हे!गिरि के वासी
कांप उठे सब तीन लोक तब
डम-डम डमरू नाद करे जब
शीश जटा सोहे किलोल भरी
अभिषेक करे  पावन जल से
भस्मों का श्रृंगार किये तुम
भोग लगाते दूध और भंग से
ये मध्य नेत्र हे! शिवशम्भू
रौरव काल तब बन जाए
जब पापी,दुष्ट,अत्याचारी
तेरे भक्तों पर संकट लाये
ध्यान तुम्हारा हे!औघड़दानी
सब क्लेष हर लेता है
अंतर्मन की घोर मलिनता
क्षण में निर्मल कर देता है
उर अन्तस् में सदा विराजो
हे!सुधानिधि बरसाने वाले
आठ प्रहर मै तुम्हें पुकारूँ
भव-सागर पार लगाने वाले
परिचय…..
★नाम-   गुंजन गुप्ता
★पिता – श्री मुन्ना लाल गुप्ता
★माता – श्रीमती हेमन्त गुप्ता
★पति –  श्री उमेश कुमार गुप्त
★जन्मतिथि -18 नवम्बर
★शिक्षा- एम. ए. द्वय ( हिन्दी, समाजशास्त्र )
बीएड, यूजीसी नेट हिन्दी( लगातार तीन बार )
व्यवसाय – गृहिणी
संपर्क – तापगढ़ उ.प्र.(भारत) 
● *प्रकाशित साहित्य* – साझा काव्य संग्रह –  1-जीवन्त हस्ताक्षर ,2- काव्य  अमृत,  3-कवियों की मधुशाला, 4- बूँद-बूँद रक्त  5- जय रक्तवीर 6- नारी काव्य सागर,  7-भारत के हिन्दी कवि कवयित्रियाँ |
●समवेत लघुकथा संग्रह – लाल चुटकी
▪ *पत्र- पत्रिकाएं*  – इन्द्रप्रस्थ भारती, आधुनिक साहित्य , सृजन सरिता, दुनिया इन दिनों, लोकतंत्र की बुनियाद, क्राइम नेशन, सामना, अमर उजाला, किस्सा कोताह, कालजयी आदि राष्ट्रीय ,अंतर्राष्ट्रीय *( कनाडा, यूएसए, चीन, नेपाल आदि)* तथा मातृभाषा.कॉम आदि पोर्टल, ई- पत्रिका इत्यादि लगभग 85 से अधिक पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशन।
■कई शोध पत्र प्रकाशित —
●-1-“प्रिय प्रवास में स्त्री पात्रों की मानवीय भूमिका “
2- “रक्तदान उत्सव एक जीवनोत्सव”
3- प्रो शामलाल  और उनका साहित्य 
4- पुरुष बनाम स्त्री
5- समय और समाज का सजग प्रहरी: मनीष वैद्य
समीक्षात्मक लेख प्रकाशित ।
★किस्सा कोताह कविता प्रतियोगिता में *प्रथम* स्थान
●कई साहित्यिक समूह  फेसबुक  और वाट्सअप पर सक्रिय तथा समूह एडमिन ।
■सम्मान – * अमृत सम्मान 2016 ( विश्व हिंदी रचनाकार मंच दिल्ली )
* साहित्य सोम सम्मान 2016 ( शैली साहित्यिक मंच रोहतक )
* बालमुकुंद गुप्त  सम्मान 2017 ( अर्णव कलश एसोसिएशन हरियाणा )  
 * दिव्य रश्मि सम्मान 2018, पटना, बिहार
* नारी काव्य सागर सम्मान 2018
जेएमडी पब्लिकेशन दिल्ली
* श्रेष्ठ युवा सम्मान ,2018 विश्व हिंदी रचनाकार मंच दिल्ली
* रक्तदान सेवा सृजन सम्मान-2018, प्रज्ञा साहित्यिक मंच रोहतक,हरियाणा 

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।