मृत्यु ही जीवन है
जीवन महासंग्राम है
मृत्यु ही एक महाविश्राम है
जीना इसी का नाम है
जीवन ही संघर्ष है
संघर्ष ही संघर्षों का विक्रान्त है
मृत्यु का है विनाशी
मृत्यु जीवन का राजवंशी राजा समय है
समय दृष्टिगोचर,अदृश्य
दृश्यों सा शबाब है
शबाब ही ख्वाब है
संघर्ष सीखने सिखाने का नाम है
इन सा जीतने वाला
कालों का काल है
काल ही महाकाल है
मृत्यु ही जीवन है
जीवन एक महासंग्राम है
सफलताओ की कुन्जी संघर्ष
संघर्ष एक माया है
मृत्यु माया का विनाश है
मृत्यु ही जीवन है
जीवन एक महासंग्राम है
#गुप्त हिमांशु “प्रकृति से “
*परिचय *
नाम- हिमांशु गुप्ता
साहित्यिक उपनाम- गुप्त हिमांशु “प्रकृति से”
वर्तमान पता- कानपुर (उत्तरप्रदेश)
शिक्षा- स्नातक
कार्यक्षेत्र- नौकरी
विधा – कविता; पद्य-गद्य—- कविता,छंद(सभी),गज़ल,गीत,हाइकू,
कहानियाँ, मुक्तक ,दोहे, व्यंग्य,नाटक लघुकथा एवं संस्मरण एवं अन्य विधा। सम्मान- कलम की यात्रा सम्मान प्रशस्ति पत्र सहित
अन्य उपलब्धियां- कलम की यात्रा में
सदस्य- अधूरा मुक्तक,एवं संस्मय में सदस्य ।लेखन का उद्देश्य- मन के अन्दर का भावनाओं को व्यक्त करते हुए लेखन द्वारा आत्मसंतुष्टि आत्मसंतुष्टि प्राप्त करना।
लोगों तक अपने बात पहुँचाने के लिए अभिव्यक्ति करना