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वो चली गई ऐसे ही चुपचाप, उसके जाने के बाद पता चला कि, वो कितनी महान थीl वो सुलाती थी  बड़े प्यार से, खुद गीले में सोकर मुझे सूखे में.. वो खिलाती थी मुझे थाली भरकर, अपने हाथों से मनव्वल करके.. मैं  खाकर खेलने लगता था, यह जाने बगैर ही कि, […]

सौरभ फूलों का न कम हो, यह दुआ करो.. पवन न कभी मंद हो, यह दुआ करो। नव रश्मियाँ कलिकाएँ नई, खिलाती रहें.. कलिकाएँ नव घूँघट उघाड़, मुस्काती रहें.. भाव प्रकृति का न कम हो, यह दुआ करो। समय पर लगा दो अपने, कर्म का पहरा.. यह वक़्त है अभिमानी, […]

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मैं भी जीना चाहता हूँ… शामिल होना चाहता हूँ तुम्हारी दुनियाँ में बिलकुल वैसे ही… जैसे शामिल हुए थे तुम मेरे जीवन में एक जीवन्त आशा लिए। मेरे सूखे अधरों पर, बारिश की फुहार बनकर.. मेरी सांसों की रफ़्तार बनकर, एक खुशनुमा एहसास लेकर समाए थे तुम हमाररे अरमान बनकर। […]

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प्यार हो सम्मान हो, और दिलों में मान हो.. संस्कार दिल में रहे, रंग रुप साथ हो। रुप रंग तब खिला, आज पिया जब मिला.. दिल की ये चाहत है, यूं हाथों में हाथ हो। प्यार हो इकरार हो, न कभी तकरार हो.. मन से मन जो जुड़े, बिन बोले […]

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बोर्ड परीक्षा एक खेल है, अंकों की रेलम पेल है. पास सबको ही करना है, निरीक्षक का कहना है। न हो ज्ञान स्वर-वर्णो का, अंकों की फिर भी होली है.. उतारा है केवल प्रश्नों को, पास होना उनका जरुरी है। स्तर होगा शिक्षा का ऐसा, होगा देश का भविष्य कैसा.. […]

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हे मेरे जगत कल्याण से भरी हुई अंतरात्मा और भावी सिद्ध परमात्मा…मेरे आराध्य गुरुदेव। तुम्हें आज तक कितनी माँ ने पुकार लगाई और तुमने भी माँ की भाँति ही उन सब पर स्नेह की थपकी देकर उन्हें आत्मकल्याण की ओर सन्मुख कर दिया। कभी तुम्हें पुकार लगाई हम मनुष्यों की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।