मेरे संस्कार

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surendra
मेरे माता-पिता ने मुझे बस एक बात सिखाई है,
किसी का भला करो तो अपनी भी होती भलाई है।
में कभी फालतू की बातें नही करता यारों से,
यही बात मैंने अपने सभी यारों को भी सुनाई है।।

अक्सर बिगड़ जाते हैं बच्चे जवानी के मोड़ में,
मैंने कई बिगड़ों को ऊँगली पकड़कर सही राह दिखाई है।
गलतफहमियां अक्सर बिगाड़ देती है कई जिंदगियां,
मैंने उनकी ग़लतफ़हमी दूर कर कई जिंदगियां मिलाई है।।

मर्दो को खूबसूरत लड़कियों में महबूबा नज़र आती है,
मैंने बनाकर बहन उनको राखी से भरी अपनी कलाई है।
लाख खंजर मारे हैं लोगों ने अक्सर मेरे गले लगकर,
मैंने हर जख्म पर उन्हीं से प्यार की मरहम लगवाई है।।

जो जरुरत पड़ी अपनों को कभी अंधेरों में रोशनी की,
तो मैंने घर अपना जलाकर उन्हें रोशनी दिखाई है।
मैं खुलकर सामने कहता हूँ किसी की भी कमजोरियों को,
पीठ पीछे कमजोरियाँ कहना तो सबसे बड़ी बुराई है।।

खुश रखने की कोशिश करता हूँ मैं सदा दूसरों को,
अपनी ही कई खुशियां मैंने दिल में दबाई है।

                                                                  #सुरेन्द्र ठाकुर ‘अज्ञानी जी’

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।