मुल्क और मज़हब की बात है प्यारे, जुबान संभालना ये सियासत है प्यारे। बांटेगी ये हमें अपने-अपने हिसाब से, तेरी और मेरी क्या औकात है प्यारे। जब हम और तुम साथ हैं प्यारे, रहनुमा क्यों परेशां दिखते है सारे। शतरंज का खेल चला है दोनों में, कभी शह तो,कभी मात […]

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हंसमुख मुख मुद्रा वाले मर्यादा पुरुषोत्तम की बात बड़ी निराली है, प्रकटोत्सव बारह बजे,मंदिर की बजती घण्टी, हम बजा रहे ताली है। कर्म प्रधान,मर्मशील,आदर्श प्रभु वे अवध की बगिया के माली हैं, दानवों के दौर में ऋषियों की तपस्या पर यज्ञ की वो ही करते रखवाली हैं। जिनके आगमन पर,सम्पूर्ण […]

ऊपर बैठा एक मदारी, देखो खेल कैसे खिलाए, हम बन्दर हम भालू रीछ, देख डमरू कैसे बजाए। न मानें हम उनकी बातें,देख लाठी कैसे दिखलाए, ऊपर बैठा एक मदारी,देख खेल कैसे खिलाए।। खेल-खेल में सिखा दिया है हँसते-हँसते रोना, खेल-खेल में सिखा दिया है रोते-रोते हँसना। खेल भी उसका,नियम उसके […]

फिर इस बार होली पर वो, सच कितना इठलाई होगी.. सत रंगों की बारिश में वो, छककर खूब नहाईं होगी….। भूले से भी मन में उसके, याद जो मेरी आई होगी.. होली में उसने नफरत अपनी, शायद आज जलाई होगी….। ये क्या हुआ जो बहने लगी, मंद गति शीतल सी […]

एक सूरज बाहर, आग उगल रहा है.. दूसरा सूरज मेरे, अन्दर जल रहा है। मेरे अन्दर सुलग रहे, सवाल चैत्र,वैशाख और जेठ में तपने वाले सूरज, के तीक्ष्ण तेवर से भी तल्ख हैं। वे बार-बार मुझे झकझोरते, हैं कि एक ही मुल्क के बाशिंदे.. होकर भी लोगों के बीच, असमानता […]

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सुना था और हमेशा देखा भी था कि, नाम का असर व्यक्ति के चरित्र पर पड़ता है। आज भी वही सच देखा। ‘प्रीति’,परिवार की छोटी ही नहीं, बल्कि चार बहनों और एक भाई में दूसरे नम्बर की है। माँ,भाई के जन्म के दो माह बाद स्वर्गवासी हो गई। सभी भाई-बहनों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।