मंद-मंद मुस्काती बेटी, जीवन का सार सबल बेटी.. गंगा-जमुना-सी निर्मल धार,. झरने-सी,कलकल बेटी। नव आशा का उज्ज्वल दर्पण, पलती-पढ़ती बन होनहार. प्रकृति का उन्मत्त श्रंगार, मुस्कानों का उद्गम स्थल.. जीवन का सार सबल बेटी, मंद-मंद मुस्काती बेटी। बेटे की आस रहा करती, बेटी फसलों-सी लहलहाती.. अपने कर्तव्यों की सीमा पर, […]

भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है और लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मानी जाती है। लोकतंत्र के एक ऐसे स्तंभ रूप में,जिसके बिना लोकतांत्रिक व्यवस्था की कल्पना ही नहीं की जा सकती। मीडिया को यह  सम्मान यूं ही नहीं मिला है,बल्कि उसे इस सम्मान […]

3

लोगों ने कैसे-कैसे मुग़ालते पाल रखे हैं, दोस्त जानकर आस्तीनों में सांप पाल रखे हैं। वो तो समाया हैं ज़र्रे-ज़र्रे में, फ़िर क्यूँ पत्थरों में ही भगवान पाल रखे हैंl नसीब नहीं होता हर किसी पर मेहरबाँ, नादान लोगों ने गले में ताबीज़ पाल रखे हैंl ग़रीब को अब कोई […]

जिस रास्ते से गुजरती थी वो, वो रास्ता मुझे उसकी याद दिलाता है.. जब भी गुजरता हूं उस रास्ते से, तो उसका चेहरा मेरी आँखों में आता हैl ऐसा लगता है जैसे हम उसके साथ चल रहे हैं, उस वक़्त जो न कह सके थे वो आज कह रहे हैं.. […]

यादों को तेरी दिल से ऐसे मिटा रहे हैं, लिख-लिख के नाम तेरा अपना बता रहे हैं। ख़त भी जला के देखे,यादें गईं न दिल से, तस्वीरें जो थीं तेरी, वो भी जला रहे हैं। जिस दिल में याद ज़ालिम तेरी बसी है अब तक, उस दिल में अपने हाथों […]

2

नया-नया बस्ता लेने की जिद, करता अब हर रोज चुन्नू.. जाना है मम्मी अब हमको स्कूल, मम्मी कहती-बाबू अभी रुक जाओ दिला दूँगी सब थोड़ा रुको..। पर चुन्नू ना-मम्मी, सबके पास है नया बस्ता, नई कॉपी,हमको भी चाहिए… मम्मी बोली-अच्छा,ला दूँगी। बस चुन्नू अब बस्ते के सपने देखे, आज गया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।